दहशत का दूसरा नाम, यह राष्ट्रपति खाता था इंसानों का मांस...
कहर बरपाया जी हां युगांडा में कभी अपनी तानाशाही चलाने वाले ईदी अमीन आज इस दुनिया में भले ही नहीं हैं लेकिन उनका खौफ लोगों के जेहन में बरकरार है। 16 अगस्त 2003 में इस दुनिया के अलविदा कहने वाले अमीन का जन्म 1925 में कोबोको में हुआ था। ईदी अमीन की क्रूरता के बोर में आप कभी सोच भी नही सकते हैं। ईदी ने सैन्य नेता एवं राष्ट्रपति के रूप में अपने देश की जनता पर वो कहर बरपाया था। जिसके बारे में सोचकर भी आपकी रुह कांप उठेगी। ईदी ने राष्ट्रपति के पद पर रहते हुए लांगो और अछोली जातीय समूह के लोगों पर खूब अत्याचार किया था।
सबसे खास बात तो यह है कि इंसानों के मांस को बेहद स्वाद से खाता था। वह इंसानों के कटे सिरों को कई दिनों तक फ्रिज में रखता था। ऐसे में इसके आतंक से पूरा देश परेशान था। ऐसे में 1979 में तंजानिया और अमीन विरोधी युगांडा सेना ने इसके अत्याचार पर रोक लगाई। जब उसे लगा कि अब वह मारा जाएगा तो वह यहां से लीबिया और फिर वहां से सऊदी भाग गया। वहीं पर इसने अपने जीवन की अंतिम सांस ली। जब इसकी मौत की खबर मिली तो इसके आतंक से आजिज यूगांडा के लोगों को बड़ी खुशी हुई थी।
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