क्या आपने महसूस की सपनों में ख़ुशबू
कभी कोई आवाज़ और म्यूज़िक भी हम सपने में सुन लेते हैं. लेकिन क्या हम किसी प्रकार की गंध को सपने में महसूस करते हैं?कुछ लोग मानते हैं कि उन्होंने सपनों में गंध को महसूस किया है.इटली के उत्तरी शहर बोलोनिया में हर साल मई में होने वाले 'सुगंध महोत्सव' की डायरेक्टर फ्रांसिस्का फारूओला अपने सपनों के बारे में बेहद दिलचस्पी से बात करती हैं.वह कहती हैं, "मैंने निश्चित रूप से अपने सपने में नारंगी रंग के फूलों की सुगंध को महसूस किया है." वह पूरे विश्वास से कहती हैं कि गंध वाले सपने होते हैं.उनका कहना है, "ऐसे बहुत सारे लोग हैं जो अपनी रोज़मर्रा की ज़िंदगी में बहुत संवेदनशील होते हैं या उनमें गंध को महसूस करने की ग़जब की क्षमता होती है."
वैज्ञानिकों ने भी इस विषय पर कुछ शोध किए हैं. लेकिन उनके शोध का मुख्य आधार सपने में 'बाहर से आने वाले गंध' के प्रभाव ही रहे हैं.सपने में ख़ुशबू150 साल पुराने एक शोध में फ्रांसीसी विद्वान और चिकित्सक अल्फ्रेड मोरी ने कहा है कि सपने आत्मप्रेरित होते हैं. अल्फ्रेड मोरी के शोध का ज़िक्र फ्रायड ने भी किया है.
मोरी ने अपनी बात को पुख्ता करने के लिए अपने एक सहयोगी को सोते समय नाक के नीचे सेंट लगाने को कहा.जागने पर सहायक ने बताया कि सपने में वह काहिरा में कोलोन ईजाद करने वाले गिओवाना मारिया फरीना के वर्कशॉप में पहुँच गए हैं और इसके बाद उन्होंने सपने में कई रोमांचक घटनाएं हुई.लेकिन अमरीका की ब्राउन युनिवर्सिटी में मनोवैज्ञानिक प्रोफ़ेसर और 'द सेंट ऑफ़ डिज़ायर' नाम की किताब लिखने वाली रेचल हर्ज़ इस विषय पर हुए पुराने शोधों को सिरे से ख़ारिज करती हैं.रेचल के शोध से पता चलता है कि लोग अपनी नींद में सपने देखते वक़्त या गहरी नींद में गंध से प्रभावित नहीं होते हैं.
वैसे गंध के ऊपर शोध करने वालों का मानना है कि अगर कोई गंध जानी पहचानी हो, या हम उसका नाम जानते हों तो हम उसे बहुत आसानी से महसूस कर पाते हैं.परफ्यूम सेक्टरइससे पता चलता है कि फ्रांसिस्का फारूओला के गंध के सपनों वाले ज़्यादातर लोग परफ्यूम सेक्टर में काम करने वाले लोग हैं.वे गंध पर ज़्यादा ध्यान देते हैं इसलिए उसे शब्दों में अच्छी तरह बता पाने में सक्षम होते हैं.फारूओला ने इस साल होने वाले सेंट फेस्टीवल को "सपनों की ख़ुशबू" नाम दिया है. उनका मानना है कि सपनों में हम ऐसी गंध को भी महसूस कर सकते हैं जिसे हमने कभी महसूस नहीं किया है.लेकिन रोज़ालिया का मानना है कि सबसे प्रमाणिक तथ्य तो आंख और कान से अक्षम हेलेन केलेर की आत्मकथा है जिसमें उन्होंने लिखा है कि "जागते हुए तो मैं स्वाद और गंध महसूस करती हूं. लेकिन सपनों में मैं ऐसे विचार, गंध, स्वाद का अनुभव करती हूं जैसा मैंने कभी असलियत में भी नहीं किया है."