Diwali 2022 : जानें दिवाली का इतिहास-महत्व और पूजन का मुहूर्त
कानपुर (इंटरनेट डेस्क)। Diwali 2022 : दीपावली का पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। यह इस बार 24 अक्टूबर को मनया जा रहा है। देश के सभी समुदाय इसे उत्साह और उत्साह के साथ मनाते हैं। दीपों के पर्व दिवाली की शुरुआत धनतेरस से होती है और उसके बाद नरक चतुर्दशी होती है। तीसरा दिन लक्ष्मी पूजा और यह कार्तिक महीने की सबसे अंधेरी रात होती है। भारत के कुछ हिस्सों में, लक्ष्मी पूजा के अगले दिन को गोवर्धन पूजा और बलिप्रतिपदा (पड़वा) के रूप में जाना जाता है। वहीं दिवाली उत्सव के अंतिम दिन को भाई दूज के रूप में मनाते हैं। दिवाली में पूजा का समय
इस साल दिवाली 24 अक्टूबर 2022 को मनाई जाएगी। दृक पंचांग के मुताबिक लक्ष्मी पूजा मुहूर्त - शाम 07:26 बजे से रात 08:39 बजे तक है। वहीं प्रदोष काल - शाम 06:10 बजे से रात 08:39 बजे तक है। वृषभ काल - 07:26 अपराह्न से 09:26 बजे तक है। इसके साथ ही अमावस्या तिथि का शुभारंभ 24 अक्टूबर 2022 को शाम 05:27 से है और इसका समापन 04:18 बजे 25 अक्टूबर, 2022 को है। दिवाली महत्व व इतिहास
हिंदू धर्म में मान्यता है कि दिवाली हमारे भीतर के अंधेरे को दूर करने और हमारे भीतर को रोशन करने का संदेश देती है। इसके साथ ही दिवाली के उत्सव के आसपास कई कहानियां हैं। दिवाली से जुड़ी सबसे लोकप्रिय कहानी भगवान राम के 14 साल के वनवास के बाद और लंका के राजा रावण को हराने के बाद अयोध्या में वापसी की हैं। कहते हैं कि यह कार्तिक महीने की सबसे अंधेरी रात थी। इसलिए अयोध्या के लोगों ने मिट्टी के दीयों से सड़कों पर रोशनी करके उनका स्वागत किया। उनकी वापसी का दिन दिवाली के रूप में उत्साह के साथ मनाया जाता है।