Diwali 2020 Puja Vidhi: दीपावली पर लक्ष्मी पूजन का ये है शुभ-मूहूर्त, जानें पूजन विधि भी
कानपुर (इंटरनेट डेस्क)। Diwali 2020 Puja Vidhi: इस वर्ष 14 नवंबर 2020,शनिवार को दीपावली पर बन रहे बेहद खास योग बन रहा है। कार्तिक कृष्ण अमावस्या दिन शनिवार को दीपावली का पर्व पड़ रहा है। इस दिन अमावस्या तिथि अपराह्न 2:18 बजे के बाद *अपराह्न,सायाह्न,प्रदोष निशीथ एवं महानिशीथ व्यापिनी होगी जोकि 15 नवंबर 2020,रविवार को प्रातः 10:37 बजे तक रहेगी।इस दिन स्वाति नक्षत्र रात्रि 8:08 बजे तक रहेगा तत्पश्चात विशाखा नक्षत्र एवं आयुष्मान योग प्रातः 7:30 बजे तक तत्पश्चात सौभाग्य योग प्राप्त होगा।इसके बाद अहोरात्रि तुला का चंद्र होगा।
दीपावली की रात्रि बेला में पांच चौघड़िया मुहूर्त
इस वर्ष शनिवार दीपावली की रात्रि बेला में लाभ,उद्देग,शुभ,अमृत और चर पांच चौघड़िया मुहूर्त मिल रहे हैं।चौघड़िया मुहूर्त में लाभ के स्वामी बुध, उद्देग के रवि,शुभ के गुरु,अमृत के चंद्र और चर के शुक्र माने गए हैं इस दिन प्रदोष काल सांय 5:15 बजे से रात्रि 6:24 बजे तक प्राप्त होगा। महानिशीथ काल रात्रि 11:15 बजे से रात्रि 12:07 बजे(दिनाँक 15 नवंबर 2020) तक होगा।इस दिन प्रदोष कालीन स्थिर लग्न वृष सांय 5:14 बजे से रात्रि 7:14 बजे तक प्राप्त होगी।इसमें लाभ का चौघड़िया मुहूर्त होगा।
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दूसरा मुहूर्त द्विस्वभाव लग्न सांय 7:10 बजे से रात्रि 9:24 बजे तक रहेगी।इसमें शुभ नामक चौघड़िया रहेगा। इस लग्न में श्री गणेश, लक्ष्मी, इंद्र, कुबेरादि देवताओं का पूजन खाता पूजन श्रेष्ठ फलदायक रहेगा। तीसरा मुहूर्त रात्रि 11:15 बजे से रात्रि 12:07 बजे तक प्राप्त होगा।इस महानिशीथ कालीन मुहूर्त में श्री, लक्ष्मी, इंद्र, कुबेरादि, श्री महाकाली, श्री महासरस्वती का पूजन अर्चन, श्री यंत्र पूजन, अनुष्ठान आदि सम्पन्न करना शुभ फलकारक रहेगा।
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व्यापारियों के लिए यह मूहूर्त रहेगा शुभ
चौथा मुहूर्त स्थिर लग्न सिंह रात्रि 11:42 बजे से रात्रि 2:02 बजे(15 नवंबर 2020) तक प्राप्त होगा।इसमें शुभ अमृत बेला का समावेश होगा।व्यापारियों के लिए शुभ अमृत अपराह्न 1:31 बजे से सांय 4:30 बजे तक,लाभ अमृत की सयुंक्त बेला सांय 6:01 बजे से रात्रि 7:10 बजे तक शुभ ,अमृत एवं चर की सयुक्त बेला प्राप्त हो रही है।खाता पूजन का यह भी शुभ मुहूर्त है। शास्त्रों के अनुसार जब कार्तिक मास की अमावस्या जिस दिन प्रदोष काल एवं अद्र्धव्यापिनी में हो उसी दिन लक्ष्मी पूजन किया जाना चाहिए। लक्ष्मी पूजन प्रदोष युक्त अमावस्या तिथि को स्थिर नवांश में किया जाता है। अतः इस वर्ष लक्ष्मी पूजन का समय निम्न प्रकार रहेगा।
Govardhan Puja 2020 Shubh Muhurat: कब है गोवर्धन पूजा, जानें शुभ-मूहूर्त और पूजा विधि
गोधुली बेला/प्रदोष काल:-सांय 5:15 बजे से सांय 6:24बजे तक
कुंभ लग्न:- मध्यान्ह 12:31 बजे से अपराह्न 2:13 बजे तक
वृषभ लग्न:- सांय 5:14 बजे से रात्रि 19:14 बजे तक
सिंह लग्न:- मध्य रात्रि 11:45 बजे से अर्द्ध रात्रि 2:04 बजे(15 नवंबर 2020 )तक
ज्योतिषाचार्य पं राजीव शर्मा।
बालाजी ज्योतिष संस्थान, बरेली।