फिल्म बत्ती गुल मीटर चालू में इस किरदार में होंगे 'लिक्विड'
मुंबई(ब्यूरो)। 'टॉयलेट एक प्रेमकथा' के बाद 'बत्ती गुल मीटर चालू' भी सामाजिक विषय को छूती फिल्म है। आपकी फिल्मों के चयन में बदलाव दिख रहा है?अगर स्क्रिप्ट और किरदार पसंद आते हैं तो मैं फिल्म स्वीकार कर लेता हूं। 'बत्ती गुल मीटर चालू' का निर्देशन भी श्रीनारायण सिंह ने ही किया है, जिन्होंने 'टॉयलेट एक प्रेमकथा' निर्देशित की थी। शूटिंग आरंभ होने के तीन दिन पहले उन्होंने मुझसे फिल्म करने का आग्रह किया और मैं जुड़ गया। उन्होंने मुझे किरदार का ग्राफ समझा दिया था। कहानी बता दी थी। इस फिल्म की वजह से मुझे कॉमेडी से भी थोड़ा ब्रेक मिला। यह बदलाव किसी भी कलाकार के लिए अच्छा होता है। कॉमेडी से ब्रेक क्यों जरूरी था? आप उसमें काफी सफल रहे हैं?
जब आप एक खांचे में फिट हो जाते हैं तो उसका दामन नहीं छोड़ना चाहते हैं। मेरा मानना है कि एकसमान काम करने पर वह बेमजा हो जाता है। एक्टिंग में आपको वैरायटी किरदार निभाने का अवसर मिलता है। अगर एकसमान काम करना होता तो दूसरा प्रोफेशन चुनता। मैंने दिल्ली में थियेटर किया है। पुणे के एफटीआईआई से एक्टिंग का कोर्स किया। फिल्म '21 तोपों की सलामी' की। बतौर कलाकार कुछ नया करने की चाहत रहती है। मुझे कंफर्ट जोन में रहना पसंद नहीं। प्रयोग करने में आप सफल होते हैं या विफल यह मायने नहीं रखता है, लेकिन कोशिश करना जरूरी है।
View this post on InstagramUttarakhand ki picture perfect vaadiyon mein, दो natural beauties!! Sunder Mohan Tripathi( yaani ki main) aur Lalita Nautiyal aka Nauti(yaani ki @shraddhakapoor ) . Ab Sunder zyada Nauti hai ya Nauti zyada Sunder, yeh toh 21st Sept ko pata chalega bal.!! @bgmcfilm_ @tseries.officialA post shared by Divyendu V Sharmaa (@divyenndu) on Sep 9, 2018 at 1:53am PDT आपके किरदार की क्या खूबियां हैं? मेरा किरदार बहुत ही प्यारा, सीधा-सादा और संवेदनशील है। वह किसी को नुकसान नहीं पहुंचा सकता है। दोस्तों को बहुत प्यार करता है। वह अपनी फैक्ट्री शुरू करता है, मगर बढ़े बिजली बिल के चलते उसका बिजनेस चौपट हो जाता है। वह आम इंसान की तरह एक हद तक अपनी परेशानियों से जूझता है। पारिवारिक दिक्कतों के चलते वह कुछ कठोर फैसले लेता है। बिजली की समस्या आपने झेली है?बिल्कुल झेली है। मैं दिल्ली से ताल्लुक रखता हूं। वहां भी बिजली की कटौती होती है। स्कू्ली दिनों में बिजली जाने पर खुशी होती थी क्योंकि पढ़ाई से छुटकारा मिलता था। यही बिजली आपके पसंदीदा काम के बीच चली जाए तो बुरा लगता है। घर में बिजली जाने पर हम छत पर जाकर सो जाते थे।
फिल्म उत्तराखंड की पृष्ठभूमि में है। आपने कुमाऊंनी सीखी?फिल्म में हमने ठेठ कुमाऊंनी भाषा का प्रयोग नहीं किया है। हमने वहां का लहजा उसमें डाला है। भाषा सीखने के लिए मेरे पास समय बेहद कम था। लिहाजा मैंने स्थानीय लोगों और स्क्रिप्ट राइटर की मदद ली। मेरी बिल्डिंग का चौकीदार भी उत्तराखंड से ताल्लुक रखता है। उसके बोलने के अंदाज से थोड़ी मदद मिली। उसके अलावा देहरादून के एक करीबी दोस्त ने भी गाइड किया। View this post on Instagram#Poster #BattiGulMeterChalu #21stSeptA post shared by Divyendu V Sharmaa (@divyenndu) on Sep 6, 2018 at 5:36am PDTबिजली बचत को लेकर आप कब जागरूक हुए?बिजली बचत को लेकर मैं शुरुआत से सजग रहा हूं। हमारे पैरेंट्स ने हमें बचपन से कमरे में न रहने पर पंखे, एसी या बल्ब स्विच ऑफ करने की हिदायत दे रखी थी। हम उसे फॉलो करते आए हैं। स्कूलों में भी हमें बिजली बचत की बातें सिखाई जाती थी। अपने स्तर पर हमेशा बिजली को बर्बाद न करने का प्रयास किया है।
आगे किन प्रोजेक्ट्स को करने की तैयारी है?
मैं वेब सीरीज 'मिर्जापुर' कर रहा हूं। उसमें मैं डार्क अवतार में दिखूंगा। उसे देखकर सभी चौकेंगे। यह नवंबर में रिलीज होगी। उसमें मेरे साथ पंकज त्रिपाठी है। स्मिता श्रीवास्तव ये भी पढ़ें: शाहरुख ने रोकी 'डियर जिंदगी 2' की राह!