अमरीकी चिकित्सकों ने पोलियो जैसी एक बीमारी के बारे में चेतावनी दी है जिससे कैलिफोर्निया में 20 से ज्यादा लोग संक्रमित हो गए हैं.


अमेरिकन एकेडमी ऑफ न्यूरोलॉजी की एक बैठक में पता चला है कि कुछ मरीजों में चारों हाथ-पैर लकवा के शिकार हो गए जो इलाज के बाद भी ठीक नहीं हो पाए.अमरीका पोलियो मुक्त देश है लेकिन इससे संबंधित वायरस तंत्रिकातंत्र पर हमला कर सकते हैं, जिसके परिणामस्वरूप व्यक्ति को लकवा मार जाता है.हालांकि चिकित्सकों का कहना है कि उन्हें पोलियो जैसी महामारी की आशंका नहीं है और इस तरह का संक्रमण दुर्लभतम मामला है.पोलियो एक खतरनाक बीमारी है जिसके बारे में माना जाता है कि बच्चों में इसका संक्रमण होता है.इसका वायरस तंत्रिका तंत्र में तेजी से प्रवेश कर जाता है और 200 में से एक मामले में यह लकवे का कारण बनता है.यह फेफड़े को काम करने से रोक देता है इसलिए कुछ मामलों में जानलेवा साबित हो सकता है.


वैश्विक टीकाकरण योजना के अनुसार, पोलियो दुनिया के सिर्फ तीन देशों- अफ़गानिस्तान, नाइजीरिया और पाकिस्तान में मौजूद है.पोलियो से समानताहालांकि, पोलियो की तरह ही, बिना गंभीर लक्षण पैदा किए यह वायरस ज्यादा लोगों को संक्रमित कर सकता था.

डॉ. वावबैंट को लगता है कि एशिया में हुए इसी तरह के मामलों से समझा जा सकता है कि क्यों केवल कैलिफोर्निया ही प्रभावित हुआ, पूरा अमरीका नहीं.स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय से जुड़े सहयोगी शोधकर्ता डॉ. कीथ वॉन हैरेन कहते हैं कि सामने आए मामले कैलोफोर्निया में पोलियो जैसे लक्षण के उभार की संभावना को उजागर करते हैं.वो कहते हैं, ''मैं इस बात पर जोर देना चाहूंगा कि इस तरह के लक्षण का उभरना बेहद दुर्लभ है. जब भी बच्चों में लकवे के लक्षण दिखें, उन्हें तुरंत चिकित्सक के पास ले जाना चाहिए.''नॉटिंघम विश्वविद्यालय में वायरोलॉजी के प्रोफेसर जोनाथन बॉल कहते हैं, ''पोलियोवायरस से मुक्ति के समय से ही एक अन्य वायरस, एंटेरोवायरस, को लकवे से जोड़ा जाता रहा है लेकिन इनसे केवल हल्की सर्दी जैसे लक्षण पैदा होते हैं और गंभीर किस्म के लक्षण दुर्लभतम मामला है.''वे कहते हैं, ''दो बच्चों में एंटेरोवायरस-68 के संक्रमण का पता चला है जो श्वसन संबंधी दिक्कतें पैदा करने के लिए मुख्य रूप से जिम्मेदार होता है.''उन्होंने बताया, ''एंटेरोवायरस का यह नमूना इन विशेष मामलों या लकवे के अन्य संभावित मामलों के लिए जिम्मेदार है या नहीं, लेकिन आशंका विद्यमान है और इस बारे में और अध्ययन की जरूरत है.''

Posted By: Subhesh Sharma