वेस्ट प्लास्टिक से बनेगा डीजल, यूपी में यहां लगेगा प्लांट
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LUCKNOW: अब प्रदेशभर में वेस्ट प्लास्टिक से क्रूड ऑयल बनाए जाने का रास्ता साफ हो गया है। इसकी वजह यह है कि सीएम योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में बुधवार को कैबिनेट ने प्रदेश में प्लास्टिक से क्रूड ऑयल बनाने के प्लांट की स्थापना की मंजूरी दे दी है। खास बात यह है कि इस प्लांट को राजधानी में स्थापित किया जाएगा, जिससे साफ है कि इस प्लांट के स्थापित होने के बाद राजधानी को वेस्ट प्लास्टिक से क्रूड ऑयल बनाने का हब भी माना जाएगा।
100 करोड़ की लागत
कैबिनेट की बैठक में राजधानी को एक बड़ी सौगात मिली है। यह सौगात जुड़ी है प्लास्टिक वेस्ट से डीजल बनाए जाने संबंधी प्लांट की। कैबिनेट से मुहर लगने के बाद यह साफ हो गया है कि शहर में प्लास्टिक वेस्ट इधर-उधर फेंकने के बजाए सीधे प्लांट पहुंचाया जाएगा, जिससे प्रदूषण के ग्राफ में भी खासी कमी आएगी। वहीं प्लास्टिक वेस्ट को डीजल के रूप में री-यूज किया जा सकेगा। नगर विकास मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि तमाम कंपनियां इनोवेटिव आइडिया लेकर आ रही हैं। कई प्रदेशों में पहले से इस तरह के प्लांट काम कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि राजधानी में भी करीब सौ करोड़ की लागत से पीपीपी मॉडल पर प्लांट स्थापित किया जाएगा, जिसकी मदद से वेस्ट प्लास्टिक से क्रूड ऑयल बनाया जा सकेगा। इसके लिए राज्य सरकार 30 फीसद अनुदान भी देगी।
पहले से प्लानिंग
निगम की ओर से पहले से ही इस दिशा में प्लानिंग की जा रही थी। पहले प्लानिंग घरों से निकलने वाले गीले कचरे से डीजल आदि बनाया जाना था। यह कदम इंदौर की तर्ज पर उठाये जाने की तैयारी थी। इस दिशा में मेयर संयुक्ता भाटिया ने इंदौर में जाकर प्लांट को भी देखा था। हालांकि यह पहले ही स्पष्ट था कि बिना शासन की अनुमति के इस तरह के प्लांट को नहीं लगाया जा सकता है, जिसके बाद निगम की ओर से प्लांट को स्थापित करने के लिए प्रस्ताव पर मंथन भी किया जा रहा था।
हुआ रास्ता साफ
शासन से स्वीकृति मिलने के बाद प्लांट को स्थापित करने का रास्ता साफ हो गया है। प्लांट को स्थापित करने के बाद इसे संचालित करने के लिए विशेषज्ञों की भी जरूरत होगी। इसे ध्यान में रखते हुए नगर विकास विभाग की ओर से भी कवायद जल्द ही शुरू की जाएगी। वहीं निगम अधिकारी भी इस दिशा में अपना सहयोग करेंगे।
प्लास्टिक वेस्ट पर फोकस
यह साफ हो चुका है कि प्लास्टिक वेस्ट से क्रूड ऑयल का निर्माण किया जाना है। इसकी वजह से निगम की ओर से अब पूरा फोकस प्लास्टिक वेस्ट कलेक्शन पर किया जाना है। निगम अधिकारियों की माने तो जल्द ही कूड़ा कलेक्शन की जिम्मेदारी संभालने वाली कंपनी ईकोग्रीन के साथ बैठक की जाएगी और रणनीति बनाई जाएगी कि किस तरह से ज्यादा से ज्यादा प्लास्टिक वेस्ट कलेक्ट किया जा सकता है। इसके साथ ही जनता को भी जागरुक करने के लिए कवायद होगी, जिससे हर व्यक्ति घर से निकलने वाले प्लास्टिक वेस्ट को अलग तरीके से संग्रहित कर सके।