छह बहाने करके फंस गए धोनी
बहाना नंबर 1
इंग्लैंड की पारी के दौरान भारतीय गेंदबाजों ने पहले 10 ओवर में 63 रन खर्च किए. धोनी ने वर्षा से प्रभावित मैच में तीन विकेट की हार के बाद कहा, ‘पहले 10 ओवर अहम होते हैं. हमने काफी रन दे दिए. ऐसा नहीं होता तो स्पिनरों को बचाव करने के लिए कुछ और रन मिलते.’
सवाल- क्या टीम के पास कोई क्वालिटी स्पिनर है जो पूरी सीरिज में इंग्लैंड के बल्लेबाजों को रन बनाने से रोक पाया हो.
बहाना नंबर 2
हां, ‘हमारे साथ पहली बार ऐसा नहीं हुआ है. ऐसा समय भी था जब हम इसी तरह की परेशानी से गुजर रहे थे. अगर विरोधी को प्रति ओवर छह से अधिक रन के लक्ष्य का पीछा करना हो तो यह उनके लिए मुश्किल हो जाता है लेकिन हमने शुरूआत में ही काफी रन दे दिए.’
सवाल- पहले हार के लिए बल्लेबाजों को जिम्मेदार ठहराया उसके बाद गेंदबाजों को. आखिर जिम्मेदार है कौन
बहाना नंबर 3
भारतीय कप्तान ने कहा कि इंग्लैंड के मौजूदा दौरे पर अब तक जीत से महरूम रहने के बावजूद उनकी टीम का मनोबल नहीं गिरा है.
धोनी ने कहा, ‘खिलाड़ी उत्साहित हैं. वे शत प्रतिशत से अधिक देना चाहते हैं. जहां तक प्रेरणा की बात है तो हम हताश नहीं हैं. कभी कभी भाग्य हमारे साथ नहीं होता लेकिन हमारा मनोबल बरकरार है.’
सवाल- धोनी भाग्यवादी कब से हो गए
बहाना नंबर 4
धोनी ने टीम की हार के लिए मौसम को जिम्मेदार नहीं ठहराया लेकिन कहा कि खेल बाधित होने के बाद स्पिनरों को कम टर्न मिल रहा था.
सवाल- ऐसे में स्पिनरों को कम टर्न की बात कहां से आ गई.
बहाना नंबर 5
भारतीय कप्तान के अलावा मैन आफ द मैच रविंद्र जडेजा और आर अश्विन ने भी अच्छी बल्लेबाजी की लेकिन धोनी ने शीर्ष क्रम की नाकमी पर दोष मढ़ा. जडेजा की तारीफ करते हुए कहा कि ‘जडेजा ने बेहतरीन बल्लेबाजी की. उसकी गेंदबाजी हमेशा से सटीक थी. उसकी बल्लेबाजी को लेकर चिंता थी. उसने सुधार दिखाया है. उसने इसकी झलक आईपीएल में दिखाई थी जहां वह तेज गेंदबाजों का सामना करते हुए बड़े शाट खेल रहा था.
सवाल- आईपीएल के बाकी धुरंधर तो इंग्लैंड में ढेर हो गए उनका क्या
बहाना नंबर 6
युवा टीम में बल्लेबाजी क्रम में पहले आने के बारे में धोनी ने कहा, ‘अगर मैं बल्लेबाजी क्रम में पहले आया तो निचले क्रम में युवा बल्लेबाजों पर अधिक दबाव आ जाएगा. अगर मैं पांचवें या छठे नंबर पर बल्लेबाजी करता हूं तो निचले क्रम के साथ सामंजस्य बैठा सकता हूं.
सवाल- क्या धोनी पहले बल्लेबाजी करने को लेकर असहज हैं.