वॉशिंगटन स्थित भारतीय दूतावास ने आरोप लगाया है कि अमरीकी विदेश मंत्रालय ने देवयानी खोबरागड़े की नौकरानी के बारे में भारतीय दूतावास के बार-बार अनुरोध के बावजूद न तो कोई कार्रवाई की और न ही उनके बारे में कोई जानकारी दी.


दूतावास का कहना है कि ये सब तब हुआ जबकि दिल्ली स्थित एक अदालत ने संगीता रिचर्ड के ख़िलाफ़ ग़ैर ज़मानती वारंट जारी कर रखा है. दूतावास के मुताबिक़ संगीता के ख़िलाफ़ कोई कार्रवाई करने की बजाय अमरीकी सरकार ने देवयानी को ही गिरफ़्तार कर लिया.भारतीय दूतावास का कहना है कि उसके और भारत के विदेश मंत्रालय की ओर से इस साल जून से ही संगीता के बारे में अमरीकी विदेश मंत्रालय और नई दिल्ली स्थित अमरीकी दूतावास से जानकारी मांगी जा रही थी.भारतीय दूतावास की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि अमरीकी विदेश मंत्रालय ने चार सितंबर को दूतावास को एक पत्र भेजा था जिसमें अनुरोध किया गया था कि नौकरी संबंधी शर्तों के बारे में संगीता रिचर्ड ने जो आरोप लगाए हैं, उनकी जांच की जाए.


"इसी साल 19 नवंबर को दक्षिणी दिल्ली के मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ने संगीता के खिलाफ़ ग़ैरज़मानती गिरफ्तारी वारंट जारी किया था. छह दिसंबर को नई दिल्ली स्थित अमरीकी दूतावास को इस वारंट की जानकारी दे दी गई और उनसे अनुरोध किया गया कि संगीता को गिरफ्तार करने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया जाए."

इसकी प्रतिक्रिया में भारत ने संगीता के बारे में उन सभी मामलों में जानकारी मांगी जो कि अमरीका में जून 2013 से ही लंबित हैं.चार सवालबयान के मुताबिक अमरीकी विदेश मंत्रालय से पूछा गया कि  देवयानी की घरेलू सहायक और भारतीय नागरिक संगीता रिचर्ड की खोज के बारे में क्या हुआ? संगीता भारतीय पासपोर्ट पर अमरीका पहुंची थीं और वो 23 जून से ही लापता हैं. इस बात की जानकारी तत्काल न्यूयॉर्क स्थित विदेशी मिशन विभाग को दे दी गई थी.इसके अलावा इस बात की भी जानकारी मांगी गई कि पासपोर्ट और वीज़ा स्टेटस में बदलाव करने और अमरीका में कहीं भी काम करने की छूट देने संबंधी संगीता रिचर्ड की मांग के ख़िलाफ़ अमरीका ने क्या कार्रवाई की, क्योंकि ये अमरीकी नियमों के प्रतिकूल है.तीसरा सवाल पूछा गया कि चूंकि संगीता का पासपोर्ट आठ जुलाई 2013 को रद्द कर दिया गया था और वो अभी भी वहां ग़ैरक़ानूनी तरीक़े से रह रही है, तो अमरीकी सरकार ने संगीता को वापस भेजने में किस तरह की मदद की.दूतावास की ओर से  अमरीकी विदेश मंत्रालय से ये भी पूछा गया कि संगीता की गिरफ़्तारी के बारे में क्या क़दम उठाए गए क्योंकि वो देवयानी के घर से नगद पैसे, मोबाइल फ़ोन और कई ज़रूरी दस्तावेज़ उठाकर ले गई थी.

दूतावास की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि आठ अक्टूबर को भारतीय दूतावास ने वीज़ा मामले में भारतीय और अमरीकी नियमों को बदलने संबंधी संगीता रिचर्ड की अपील पर अमरीकी विदेश मंत्रालय को अपनी लिखित प्रतिक्रिया भेजी थी.ग़ैर ज़मानती वारंटदेवयानी की गिरफ़्तारी का भारत में कड़ा विरोध हो रहा हैइसके अलावा दिल्ली हाई कोर्ट की ओर से  संगीता रिचर्ड के ख़िलाफ़ गत 20 सितंबर को दिए गए आदेश के अनुपालन में अमरीका से मदद करने की अपील की गई थी.भारतीय दूतावास के मुताबिक़ संगीता रिचर्ड के पति फ़िलिप रिचर्ड ने देवयानी और भारत सरकार के ख़िलाफ़ एक याचिका दायर की थी लेकिन चार दिन बाद ही उन्होंने अपनी ख़ुद ही याचिका वापस ले ली.इसके संदर्भ में भारतीय दूतावास ने संगीता रिचर्ड को ढूंढ़ने और उन्हें वापस भारत भेजने में मदद करने का अनुरोध किया था.इसी साल 19 नवंबर को दक्षिणी दिल्ली के मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ने संगीता के ख़िलाफ़ ग़ैरज़मानती गिरफ़्तारी वारंट जारी किया था. छह दिसंबर को नई दिल्ली स्थित अमरीकी दूतावास को इस वारंट की जानकारी दे दी गई और उनसे अनुरोध किया गया कि संगीता को गिरफ़्तार करने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया जाए.
भारतीय दूतावास का कहना है कि अमरीका की ओर से इन सभी सवालों का अभी तक कोई जवाब नहीं दिया गया है.इस बीच 12 दिसंबर को देवयानी को गिरफ़्तार कर लिया गया.

Posted By: Subhesh Sharma