29 जून 2023 आषाढ़ शुक्ल एकादशी को विष्णु भगवान क्षीरसागर में शयन करने चले जाते है इसलिए कोई शुभ कार्य अर्थात शादी विवाह बंद हो जाते हैं।


डॉ. त्रिलोकीनाथ (ज्योतिर्विद्)। विष्णु जी को जगत का पालनहार माना जाता है वे हमेशा सृष्टि के सभी जीव-जंतुओ पर कृपा दृष्टि बनाऐ रखते हैं। इसलिए जब वो सो जाते हैं तो अपने शुभ प्रभावों की कृपा संपूर्ण जगत पर नहीं बिखेर पाते हैं ।जब वे सो रहे हों तो यदि हम उन्हें शुभ कार्यां मे सम्मिलित करते हैं तो बार-बार उन्हें उठना पड़ता है इसलिए बार-बार उनकी निद्र भंग ना हो इसलिए हम इस बीच कोई शुभ कार्य नही करते हैं। कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को विष्णु भगवान पुन: जगते हैं इस के बाद शुभ कार्य प्रारंभ होने लगते हैं यानि विवाह एवं अन्य शुभ कार्य प्रारंभ होते हैं इसी दिन तुलसी विवाह होता है इसे हरि प्रबोधिनी एकादशी व्रत के रुप में लोग मनाते हैं। इस बार 23 नंवबर को विष्णु भगवान शयन से उठेगें। इन चार महीनों में कोई शुभ कार्य नहीं होता है। इस बीच भौगलिक दृष्टि से वर्षा ऋतु रहती है।

हरिशयनी एकादशी व्रत का महत्व
आज 29 जून 2023 को विष्णु जी जागृति अवस्था में रहेंगे आज के दिन हम विष्णु जी की पूजा व्रत जितना ही मनोयोग से करेंगे उतना ही विष्णुजी का आर्शीवाद एवं कृपा हम पर बनी रहेगी। सोने जाने से पहले हम उनकी पूजा या आराधना जितना अधिक कर लेगें तो उनका संपूर्ण आर्शीवाद एवं कृपा भक्तगण को मिल जाएगी इसलिए हरिशयनी एकादशी का विशेष महत्व है। विष्णु जी भी सोने जाने से पहले अपना पूरा आर्शीवाद भक्तगण को दे जाते हैं इसलिए हरिशयनी एकादशी का विशेष महत्व है।

Posted By: Inextlive Desk