आरबीआई ने जाली नोटों से निपटने के लिए कसी कमर
अब वापस नहीं मिलेंगे जाली नोट
भारतीय रिजर्व बैंक ने भारतीय अर्थव्यवस्था में जाली नोटों के मामलों की गंभीर से पड़ताल करने के लिए जरूरी स्टेप्स उठाने शुरू कर दिया हैं. इन स्टेप्स के तहत आरबीआई ने सबसे पहले देशभर में कैश डिपोजिट मशीनें लगवाने का फैसला किया है. दरअसल अभी तक जब भी कोई खाताधारक अपने जाली नोट को बैंक में जमा करने जाता था तो बैंक उस जाली नोट पर बैंक की मोहर लगाकर इसे वापस कर देते थे. इसके बाद ऐसे खाताधारक आर्थिक नुकसान से बचने के लिए ऐसे नोटों को किसी और तरीके से चलाने का प्रयास करते थे. ऐसे प्रयासों में लोग अक्सर उन व्यवसाईयों से अपने नोट बदल लेते हैं जो एक बड़ी मात्रा में लोगों से पेमेंट लेते और देते हैं. इसलिए बड़े पेमेंट्स के दौरान जाली नोट असली नोटों में शामिल हो जाते हैं या बैंक में जमा होते वक्त अलग कर लिए जाते हैं. अब ऐसे में आरबीआई को यह नहीं पता चल पाता है कि देश में जाली नोटों के कितने मामले सामने आए हैं. इसलिए आरबीआई ने अब जाली नोटों को एक बार पकड़े जाने पर जब्त करने की योजना बनाई है.
कैसे काम करेगी यह योजना
आरबीआई ने इस योजना के तहत देशभर के बैंकों को कैश डिपोजिट मशीने अवेलेबल कराने की योजना बनाई है. इसके तहत आरबीआई 2015 में 10000 कैश डिपोजिट मशीनें भारत मंगा सकती हैं. इन मशीनों को बैंकों में लगाने पर जारी निर्देश में आरबीआई ने कहा है कि बैंक इन मशीनों को जहां चाहें वहां लगा सकते हैं. लेकिन इन मशीनों की सुरक्षा के पर्याप्त प्रबंध करने होंगे. गौरतलब है कि यह मशीनें कैश काउंट करते टाइम जाली नोटों को अलग कर लेंगी और जमा करने वालों का एक रिकॉर्ड (ऑडिट ट्रेल) तैयार किया जाएगा. एटीएम मशीनों जैसी सीडीएम मशीनें कैश काउंट करने के साथ उनके मूल्य वर्ग, क्वालिटी और प्रमाणिकता को सर्टिफाइ करती हैं.