कहीं आपके फोन में डेंड्रॉयड तो नहीं, कर सकता है कबाड़ा
अपने आप बदलें सेटिंग तो समझो वायरस अटैकCERT-N की रिपोर्ट के अनुसार यह वायरस किसी डिवाइस को अफेक्ट करने के बाद डिवाइस की सारी सेटिंग्स को बदल सकता है. यह वायरस ट्रोजन फैमिली का है जो अनट्रस्टेड सोर्स से एप के साथ डाउनलोड हो जाता है. एक्टिवेट होते ही यह वायरस आपके फोन के सेंट्रल सर्वर को चेंज कर देता है. यह फोन में अवेलेबल सारी इन्फॉर्मेशन को हैकर के सर्वर पर ट्रांसफर कर सकता है.यह आपके फोन से काल डिटेल्स, कांटेक्ट लिस्ट और वॉइस काल्स को रिकॉर्ड कर सकता है. इसके अलावा यह वाइरस आपके फोन से ऑटोमेटिकली पिक्चर्स भी क्लिक कर सकता है और उन्हें इनसिक्योर डेस्टिनेशंस पर अपलोड कर सकता है.डेंड्रायड से बचने के पांच उपायCERT-N की गाइडलाइंस के अनुसार इंडियन एंड्रायड यूजर्स को किसी भी अनऑथराइज्ड सोर्स से एप डाउनलोड करने से बचना चाहिये. 1-केवल ट्रस्टड मार्केटप्लेस से खरीदें एप
यह वाइरस किसी गेमिंग एप या यूटिलिटी एप के रूप में आपके स्मार्टफोन में एंट्री ले सकता है. सभी एंड्रायड यूजर्स को सिर्फ ट्रस्टेड एप मार्केटप्लेस जैसे गूगल प्ले स्टोर से ही एप खरीदनी चाहिऐं. इसके लिये आप अपने स्मार्टफोन की सेटिंग्स से सारे अनऑथराइज्ड सोर्सज को ब्लाक कर सकते हैं.2-फोन को करें एंटीवायरस एप से स्केन
गूगल प्ले स्टोर में आप सेवरल एंटीवायरस एप्स जैसे बिटडिफेंडर और अवाक्स फांइड कर सकते हैं. एंटीवायरस एप फांइड करते टाइम आपको डेंड्रायड के नाम या इस वाइरस से बचाने वाली एप्स से बचना चाहिऐ क्योंकि कई बार वायरस एंटीवायरस की शक्ल में आप की डिवाइस में एक्टिवेट हो जाते हैं. 3-न करें फ्री का वाई-फाई यूजCERT-N ने क्लियरली बोला है कि लोगों को फ्री और इनसिक्योर वाई-फाई नेटवर्क यूज करने से बचना चाहिऐ. इनसिक्योर वाई-फाई नेटवर्क अक्सर एंड्रायड डिवायसेज का बैकअप लेते रहते हैं 4-इनक्रिप्ट करें मेमोरी कार्ड CERT-N की रिपोर्ट के अनुसार एंड्रायड यूजर्स को अपने एक्सटर्नल मेमोरी कार्ड्स को इनक्रिप्ट कर लेना चाहिऐ. इनक्रिप्श्ान से वाइरस के आने के चांसेज कम हो जाते हैं. 5-चेक करते रहें डाटा और बैटरी यूजेजसभी एंड्रायड यूजर्स को अपनी बैटरी और डाटा यूसेज पर पैनी नजर रखनी चाहिऐ. अगर आप की कोई एप जरूरत से ज्यादा रिसोर्सेज का यूज कर रही है तो समझ जाइए की आप का फोन डेंड्रायड वायरस से अफेक्ट हो सकता है. इस कंडीश्ान में आपको अपने फोन को स्केन करना चाहिए.