UPSC coaching centre deaths: दिल्ली कोचिंग सेंटर मामले में बिल्डिंग के सभी मालिक गिरफ्तार, 13 कोचिंग सेंटरों के बेसमेंट हुए सील
नई दिल्ली (एजेंसी): Delhi Coching Centre Incident: दिल्ली के राजेंद्र नगर में सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कराने वाले कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में अचानक पानी भरने के कारण तीन छात्रों की मौत के बाद से तमाम हंगामे और कार्रवाई का सिलसिला जारी है। दरअसल भारी बारिश के बाद दिल्ली के ओल्ड राजेंन्द्र नगर के आइएस कोचिंग सेंटर राव आइएस के बेसमेंट में पानी भर गया। बायोमीट्रिक होने के कारण कुछ छात्र बेसमेंट में ही फंस गए और निकल ना पाने के कारण तीन छात्रों की उसी पानी में डूब जाने से मौत हो गयी। बताया जा रहा है कि रोड पर एक थार गाड़ी के तेजी से टर्न लेने के कारण कोचिंग सेंटर का दरवाजा टूट गया था। अचानक से दरवाजा टूट जाने के कारण बेसमेंट में तेजी से पानी भर गया और छात्र निकल नहीं पाए। पुलिस ने घटना के सिलसिले में कोचिंग सेंटर के मालिक और समन्वयक के अलावा थार कार के मालिक और 5 अन्य लोगों को गिरफ्तार किया है। इसके साथ ही इन लोगों पर अन्य आरोपों के अलावा गैर इरादतन हत्या का मामला भी दर्ज किया गया है।
बिल्डिंग के मालिक भी गिरफ्तार
यह कोंचिंग सेंटर जिस बिल्डिंग में चलाया जा रहा था। उस बिल्डिंग के चार मालिक हैं। चारों मालिक सरबजीत सिंह,तेजिंदर सिंह,हरविंदर सिंह और परविंदर सिंह आपस में चचेरे भाई हैं। ये चारों मालिक करोलबाग में रहते हैं। बिल्डिंग के मालिकों ने कोचिंग सेंटर के मालिक अभिषेक गुप्ता को चार लाख रूपए मंथली रेंट पर बेसमेंट का एरिया दे रखा था। पुलिस ने चारों मालिकों को गिरफ्तार कर लिया है। डीसीपी ने इस बात की पुष्टि की है कि इस मामले में पांच और आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। इन पांच आरोपियों में बिल्डिंग के मालिकों के साथ साथ कार चलाने वाला व्यक्ति भी शामिल है। जिसकी कार की टक्कर से कोचिंग सेंटर का गेट टूटा था।
क्या बोले डीसीपी
नई दिल्ली के डीसीपी सेंट्रल ने मीडिया से बातचीत में कहा ,"इस घटना में जो भी दोषी होगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा। हम घटना के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रहे हैं और इलाके में कानून-व्यवस्था बनाए रखे हुए हैं। तीन यूपीएससी उम्मीदवारों की मौत पर बोलते हुए डीसीपी ने कहा कि बेसमेंट में व्यावसायिक गतिविधि चलाने की कोई अनुमति नहीं थी। हमने एमसीडी से कुछ जानकारी मांगी है और हम उनकी भूमिका की भी जांच करेंगे। सभी एंगल से जांच चल रही है। इसके साथ ही डीसीपी ने प्रदर्शन कर रहे छात्रों से शांति बनाए रखने की अपील करते हुए कहा कि हम इस मामले में पुलिस सख्त कार्रवाई कर रही है।
हादसे के बाद से छात्र लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। सोमवार को भी करोल बाग में छात्रों का प्रदर्शन जारी रहा। प्रदर्शन कर रहे छात्रों की मांग हैं कि बेसमेंट में लाईब्रेरी चलाने वाले कोचिंग सेंटरों और मालिकों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। साथी छात्रों की मौत को लेकर प्रदर्शन कर रहे एक छात्र मनीष कुमार ने मीडिया से बात करते हुए कहा, 27 जुलाई को जो हुआ वह यह था कि बायोमेट्रिक ब्लाक हो गया था, जिसकी वजह से बेसमेंट में पानी भर जाने के बावजूद छात्र अंदर फंस गए। इस त्रासदी को टाला जा सकता था। मनीष ने यह भी कहा कि बायोमेट्रिक के विकल्प होने चाहिए ताकि ऐसे हादसे को टाला जा सके।
एक अन्य छात्र पुनीत सिंह ने शिकायत की है कि किसी भी आपात स्थिति में संस्थान की इमारतों में रहने वालों को बचाने का कोई तरीका नहीं है। एक और छात्र पुनीत सिंह से भी मीडिया ने बात की । पुनीत ने कहा, यहां की अधिकतर इमारतों में आने और जाने के लिए बायोमेट्रिक एक्सेस की जरूरत होती है। किसी आपात स्थिति या अप्रत्याशित घटना की स्थिति में पूरी इमारत में कोई बालकनी नहीं है और आग लगने की स्थिति में इमारत में रहने वालों को बचाने का कोई तरीका नहीं है। पूरी कोचिंग मंडी क्षेत्र में 70-75 प्रतिशत लाइब्रेरीज में बायोमेट्रिक्स द्वारा ही एंट्री की जा सकती है और सभी लाइब्रेरी बेसमेंट में ही मौजूद हैं।