Delhi Flood Alert : दिल्ली में यमुना फिर खतरे के निशान से ऊपर, नोएडा में बाढ़ का अलर्ट
नई दिल्ली (एएनआई)। Delhi Flood Alert : राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में एक बार फिर यमुना खतरे के निशान को पार गई है। यहां यमुना खतरे के निशान 205.33 मीटर से ऊपर बह रही है। इसके पहले रविवार शाम शहर के कई हिस्सों में हुई बारिश के बाद रात 10 बजे यमुना 206.44 मीटर पर बही। रविवार को प्रशासन की ओर से निचले इलाकों को खाली कराने की घोषणा की गयी। उत्तर रेलवे ने कहा कि यमुना का वाटर लेवल 206.4 मीटर तक बढ़ने के कारण पुराने यमुना पुल (ओल्ड लोहा पुल) का काम रविवार रात 22.15 बजे से निलंबित कर दिया गया है। इसमें कहा गया है कि दिल्ली और शाहदरा के बीच मार्ग निलंबित रहेगा।बाढ़ जैसी स्थिति को लेकर चिंता पैदा कर दी
वाटर लेवल में वृद्धि ने एक बार फिर राष्ट्रीय राजधानी और आसपास के क्षेत्रों में बाढ़ जैसी स्थिति को लेकर चिंता पैदा कर दी है। 13 जुलाई को 208.66 मीटर तक पहुंचने के बाद पिछले कुछ दिनों से नदी का वाटर लेवल 205.33 मीटर के खतरे के निशान के आसपास मंडरा रहा था। केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) के आंकड़ों से पता चलता है कि वाटर लेवल शनिवार रात 10 बजे 205.02 मीटर से बढ़कर रविवार सुबह 9 बजे 205.96 मीटर हो गया, जो रात 9 बजे बढ़कर 206.42 मीटर हो गया।बइसके अलावा, नोएडा में यमुना की सहायक नदी हिंडन नदी में भी शनिवार को वाटर लेवल में वृद्धि देखी गई। निचले इलाकों में स्थित कई घर पानी में डूब गए।कई जगह जलभराव और बाढ़ से जूझना पड़ा13 जुलाई के बाद, यमुना 208.66 मीटर के हाइ लेवल पर पहुंचने के बाद धीरे-धीरे कम हो रही थी, लेकिन पिछले दो-तीन दिनों में वाटर लेवल में मामूली उतार-चढ़ाव हुआ है। आठ दिनों तक सीमा से ऊपर बहने के बाद 18 जुलाई की रात 8 बजे वाटर लेवल खतरे के निशान से नीचे आ गया। 10 जुलाई को शाम 5 बजे नदी खतरे के निशान को पार कर गई, जिससे व्यापक बाढ़ आ गई। वाटर लेवल बढ़ने से कई जगह जलभराव और बाढ़ से जूझना पड़ा।भारी से बहुत भारी बारिश की भविष्यवाणी
भारत मौसम विज्ञान विभाग ने 25 जुलाई तक हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के कुछ हिस्सों में भारी से बहुत भारी बारिश की भविष्यवाणी की है। इस बीच, दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने रविवार को वजीराबाद जल उपचार संयंत्र (डब्ल्यूटीपी) का निरीक्षण किया और कहा कि दिल्ली सरकार ने वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में बाढ़ के पानी को प्रवेश करने से रोकने के लिए संवेदनशील स्थानों पर बांध आदि लगाये गये हैं।