Delhi Excise Policy Case में कोर्ट ने आरोपों पर बहस टाली, मनीष सिसोदिया की कस्टडी 22 जुलाई तक बढ़ाई
नई दिल्ली (एएनआई)। Delhi Excise Policy Case: दिल्ली एक्साइज पॉलिसी केस में सोमवार को ज्यूडिशियल कस्टडी में मनीष सिसोदिया और अन्य आरोपियों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट के समक्ष पेश किया गया। स्पेशल जज कावेरी बावेजा ने एडवोकेट नितेश राणा की दलीलें सुनने के बाद आरोपों पर बहस की सुनवाई 22 जुलाई तक टाल दी। सीबीआई के विशेष लोक अभियोजक (एसपीपी) अधिवक्ता डीपी सिंह ने कहा कि वह पहले से संज्ञान में लिए गए आरोप पत्रों पर बहस के लिए तैयार हैं। 12 जुलाई को, कोर्ट ने के कविता के खिलाफ दायर पूरक आरोप पत्र पर संज्ञान वकीलों के अनुरोध पर 22 जुलाई तक के लिए टाल दिया था। उनकी जमानत याचिका भी उसी दिन सुनवाई के लिए लिस्ट है।सुनवाई 22 जुलाई को लिस्ट
के कविता ने अपने खिलाफ दोषपूर्ण आरोप पत्र दाखिल करने के आधार पर डिफॉल्ट जमानत की मांग करते हुए पहले ही याचिका दायर कर दी है। वह 18 जुलाई तक न्यायिक हिरासत में है।
इससे पहले शुक्रवार को, राउज एवेन्यू कोर्ट ने दिल्ली एक्साइज पालिसी मामले में डिफॉल्ट जमानत की मांग करने वाली भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) नेता के कविता की याचिका पर सुनवाई टाल दी थी। स्पेशल जज कावेरी बावेजा ने मामले को आगे की सुनवाई के लिए 22 जुलाई को लिस्ट किया।
अंतरिम जमानत की मांगइससे पहले, कोर्ट ने के कविता की याचिका पर सीबीआई को नोटिस जारी किया। कविता के एडवोकेट नितेश राणा ने दलील दी थी कि 6 जुलाई को संज्ञान के उद्देश्य से आरोप पत्र पर विचार करते समय, कोर्ट ने स्पष्ट रूप से निर्देश दिया था कि आरोप पत्र दोषपूर्ण था। आवेदक ने डिफॉल्ट जमानत की मांग की है क्योंकि सीबीआई 60 दिनों की अनिवार्य अवधि के भीतर पूर्ण आरोप पत्र नहीं दाखिकर कर पाई। वर्तमान जमानत आवेदन के लंबित रहने के दौरान अंतरिम जमानत दी जानी चाहिए।