Delhi Excise Policy Case : मनीष सिसोदिया की बढ़ी मुसीबत, तिहाड़ जेल में पूछताछ के बाद ईडी ने किया गिरफ्तार
नई दिल्ली (एएनआई)। Delhi Excise Policy Case : दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही हैं। अब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार को तिहाड़ जेल में पूछताछ के बाद शराब नीति मामले में मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार कर लिया। मनीष सिसोदिया को सीबीआई ने 26 फरवरी को शराब नीति मामले में गिरफ्तार किया था और 6 मार्च को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था। ईडी ने इस मामले में पहले भी एक और गिरफ्तारी की थी। उसने हैदराबाद के व्यवसायी अरुण रामचंद्र पिल्लई को अपनी हिरासत में लिया था। ईडी ने गुरुवार को भारतीय राष्ट्रीय समिति (बीआरएस) एमएलसी और तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की बेटी के कविता को शराब नीति मामले में पूछताछ के लिए तलब किया।इस मामले में लगभग 200 तलाशी अभियान चलाए
मनीष सिसोदिया को सीबीआई ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली (जीएनसीटीडी) की आबकारी नीति के निर्माण और कार्यान्वयन में कथित अनियमितताओं से संबंधित एक मामले की चल रही जांच में गिरफ्तार किया था। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने उन्हें 20 मार्च तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया। ईडी ने पिछले साल मामले में अपनी पहली चार्जशीट दायर की थी। एजेंसी ने कहा कि उसने दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना की सिफारिश पर दर्ज सीबीआई मामले का संज्ञान लेते हुए प्राथमिकी दर्ज होने के बाद अब तक इस मामले में लगभग 200 तलाशी अभियान चलाए हैं। अक्टूबर में, ईडी ने मामले में दिल्ली के जोर बाग स्थित शराब वितरक इंडोस्पिरिट ग्रुप के प्रबंध निदेशक समीर महेंद्रू की गिरफ्तारी के बाद दिल्ली और पंजाब में लगभग तीन दर्जन स्थानों पर छापेमारी की थी। कथित तौर पर 144.36 करोड़ रुपये का नुकसान सीबीआई ने इस मामले में अपना पहला आरोप पत्र पहले दायर किया था। ईडी और सीबीआई ने आरोप लगाया था कि आबकारी नीति को संशोधित करते समय अनियमितताएं की गईं और लाइसेंस धारकों को अनुचित लाभ दिया गया। आरोप था कि लाइसेंस शुल्क माफ या कम कर दिया गया था और सक्षम प्राधिकारी की मंजूरी के बिना एल-1 लाइसेंस बढ़ाया गया था। लाभार्थियों ने आरोपी अधिकारियों को "अवैध" लाभ दिया और छुपाने के लिए अपने खाते की पुस्तकों में गलत प्रविष्टियां कीं। एजेंसियों ने दावा किया कि इससे सरकारी खजाने को कथित तौर पर 144.36 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।