Arvind Kejriwal Resignation: अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे के बाद आखिर कौन बनेगा दिल्ली का सीएम, ये 4 लोग बताए जा रहे दावेदार
कानपुर (इंटरनेट डेस्क)। Arvind Kejriwal Resignation: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को अचानक से ऐलान किया कि वह अगले दो दिनों के बाद अपने पद से इस्तीफा दे देंगे। यह घोषणा तब की गई जब आबकारी नीति मामले से जुड़े सीबीआई मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आप सुप्रीमो को जमानत दे दी। आप सुप्रीमो ने कहा कि वह सीएम पद तभी स्वीकार करेंगे जब आगामी विधानसभा चुनावों में लोग उनके पक्ष में वोट देंगे, जो उनके खिलाफ चल रहे ईडी और सीबीआई मामलों की पृष्ठभूमि में उनकी बेगुनाही की पुष्टि होगी। वहीं अरविंद केजरीवाल के सीएम पद से इस्तीफा देने के बीच, यह देखना दिलचस्प होगा कि दिल्ली में आप सरकार की कमान कौन संभालेगा। फिलहाल इन नामों पर चर्चा हो रही है।
आतिशी मार्लेना
दिल्ली की शिक्षा मंत्री आतिशी मार्लेना आप की अगली मुख्यमंत्री हो सकती हैं, क्योंकि अरविंद केजरीवाल की अनुपस्थिति में वे काफी सक्रिय दिखीं। आतिशी ने रेगुलर प्रेस कॉन्फ्रेंस की और सरकार तथा पार्टी से जुड़े सभी मुद्दों पर मीडिया को संबोधित किया। इसके अलावा केजरीवाल ने स्वतंत्रता दिवस पर अपनी अनुपस्थिति में राष्ट्रीय ध्वज फहराने के लिए उनका नाम प्रस्तावित किया। इससे उनकी उम्मीदवारी और मजबूत बनती है। इसके अलावा, आप आतिशी को आगे करके महिला सशक्तिकरण पर एक स्पष्ट संदेश भी दे सकती है।
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज को भी राष्ट्रीय राजधानी में सरकार की कमान संभालने वाले संभावित उम्मीदवारों में से एक माना जा रहा है। सौरभ भारद्वाज केजरीवाल के करीबी सहयोगी रहे हैं और केजरीवाल की जेल के दौरान भी वे काफी सक्रिय रहे। उन्होंने पार्टी के मंचों और सरकारी कार्यक्रमों में भी अपनी नियमित उपस्थिति सुनिश्चित की। सौरभ भारद्वाज के पास वर्तमान में सरकार में सात विभाग हैं, जो उन्हें एक प्रमुख दावेदार बनाता है। कैलाश गहलोत
कैलाश गहलोत अरविंद केजरीवाल के अहम सहयोगी रहे हैं और फिलहाल सरकार में आठ विभागों का कार्यभार संभाल रहे हैं। गहलोत आप के भीतर पर्दे के पीछे की भूमिका के लिए जाने जाते हैं। पार्टी के दिग्गज नेता होने के नाते उन्हें भी बड़ी भूमिका दी जा सकती है।
सुनीता केजरीवाल
आप सुप्रीमो के बड़े ऐलान के बाद अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता को भी संभावित सीएम उम्मीदवार के तौर पर देखा जा रहा है। सुनीता की दावेदारी तब और मजबूत हो गई जब उन्हें दिल्ली के सीएम की कुर्सी पर बैठकर उनके मैसेज पढ़ते हुए देखा गया। हालांकि, विपक्ष ने इसके लिए उनकी आलोचना की। इसके अलावा सुनीता ने केजरीवाल की गिरफ्तारी के खिलाफ आप के अभियान का नेतृत्व भी किया और विपक्ष के शीर्ष नेताओं को एक मंच पर लाने में कामयाब रहीं।