दिल्ली में प्रदूषण स्तर को कम करेगा बीएस-6, जानें क्या है भारत स्टेज
दो साल पहले लागू कर दिये जाऐंगे बीएस 6 के मानकदिल्ली और उसके आसपास के इलाकों में प्रदूषण की गंभीर स्थिति को देखते हुए आयल मार्केटिंग कंपनियों के साथ सलाह-मशविरे के बाद वाहनों के लिए बीएस-6 मानक वाले ईंधन का इस्तेमाल करने का फैसला किया गया है। इन कंपनियों से कहा गया है कि वे 1 अप्रैल, 2019 से पूरे दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में बीएस-6 ईंधन उपलब्ध कराने की संभावना तलाशें। मंत्रालय का मानना है कि नए मानक को लागू करने से राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और उसके आसपास के क्षेत्रों में प्रदूषण को कम करने में काफी मदद मिलेगी।
बीएस यानी भारत स्टेज उत्सर्जन मानक है, जिसे वर्ष केंद्र सरकार ने 2000 में शुरू किया था। इसका उद्देश्य चार पहिया वाहनों से निकलने वाले प्रदूषण को नियंत्रित करना और इस मानक के जरिये वातावरण में घुल रहे जहर पर रोक लगाना था। सीपीसीबी द्वारा समय-समय पर इसके कई मानक जैसे बीएस-3, बीएस-4 और अब बीएस-6 तय किए हैं। बीएस-6 मानक लागू करने से उत्सर्जन में काफी कमी आएगी।
बीएस-6 नियम आने से कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी। 1 अप्रैल 2017 से ही पेट्रोलियम मंत्रालय ने पूरे देश में बीएस-IV ग्रेड के पेट्रोल और डीजल की बिक्री शुरू की थी। अब मिनिस्ट्री ऑफ पेट्रोलियम एंड नैचुरल गैस ने भारत स्टेज-6 फ्यूल नॉर्म को 1 अप्रैल 2018 से अमल में लाने का निर्णय लिया है। पहले यह नॉर्म 2020 से लागू किया जाना था। सीएसई ने इस कदम की सराहना करते हुए इसे प्रदूषण को कम करने में मददगार बताया है।
वर्तमान में जम्मू कश्मीर, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली, राजस्थान के कुछ हिस्सों और पश्चिमी उत्तर प्रदेश सहित उत्तर भारत में बीएस-4 ईंधनों की आपूर्ति की जा रही है, जबकि देश के बाकी हिस्से में बीएस-3 ईंधन की आपूर्ति की जा रही हैं।