आयलन की मौत का मजाक बनाकर Charlie Hebdo ने शर्मसार की मानवता, क्या ये है Freedom of speech!
यह हैं विवादित कार्टून
फ्रांस की मैग्जीन शार्ली एब्दो हमेशा ही अपने सटायर कार्टून्स को लेकर चर्चा में रही है। पैगंबर मोहम्मद से लेकर जीसस तक सभी का मजाक उड़ाने वाली एब्दो ने इस बार कुछ ज्यादा ही कर दिया। शार्ली एब्दो ने जब समंदर किनारे मृत पाए गए 3 साल के मासूम आयलन का कार्टून बनाकर मजाक उड़ाया तो दुनियाभर में इसे क्रिटिसाइज किया जाने लगा। पहला जो कार्टून बनाया गया है, उसमें मैकडोनल्ड मैसक्ट समंदर किनारे एक बोर्ड में टंगा है जहां आयलन मृत पाया गया था। उस बोर्ड में यह लिखा कि 'दो बच्चे की कीमत एक के बराबर है'। इसी तरह का कुछ ऑफर मैकडोनल्ड रेस्टोरेंट में मिलता है। शार्ली एब्दो ने जो दूसरा कार्टून बनाया है, उसमें जीसस पानी पर चलते दिखाई दे रहे हैं। और वहीं आयलन पानी में उल्टा डूबा है। इसमें कैप्शन लिखा गया कि, 'इससे यह प्रूव मिलता है कि क्रिश्चियन बच्चे पानी पर चल सकते हैं जबकि मुस्लिम बच्चे डूब जाते हैं'।
Charlie Hebdo mocking Aylan, the child that drowned. Where are all you "Je Suis Charlie"s at now? Disgusting. pic.twitter.com/zdJEOr397o
— Tayyab (@Tayyxb)मिलेगा कानूनी नोटिस
शार्ली एब्दो की इस शर्मनाक हरकत की जहां पूरी दुनिया में निंदा की जा रही है, वहीं एक संस्था इसके खिलाफ कानूनी नोटिस भेजने की तैयारी कर रही। सोसाइटी ऑफ ब्लैक लॉयर्स के चेयरमैन पीटर हरबर्ट ने ट्वीट करके कहा कि, हमारी संस्था शार्ली एब्दो की इस हरकत को नजरअंदाज नहीं करेगी। यह काफी शर्मनाक है। इससे रेसिज्म को बढ़ावा मिलता है।'The Society of Black Lawyers will consider reporting this as incitement to hate crime & persecution before the International Criminal Court— D Peter Herbert OBE (@herbert_donald)
सोशल मीडिया पर लोगों का गुस्सा
आपको बताते चलें कि अभी कुछ महीनों पहले ही शार्ली एब्दो के एक विवादित कार्टून पर आतंकी संगठन ने इसके ऑफिस पर हमला किया था। जिसके चलते पूरी दुनिया शार्ली एब्दो के फेवर में आ गई, खासतौर पर दुनियाभर के सभी मीडिया संस्थानों ने यहां तक कह दिया था कि क्या अब गोलियों की आवाज से फ्रीडम ऑफ स्पीच खत्म किया जा रहा है। हालांकि उस समय तो शार्ली एब्दो को जितना सपोर्ट मिला, आज उतना ही लोगों के अंदर एब्दो को लेकर गुस्सा भरा है। सोशल मीडिया पर इस मैग्जीन की काफी निंदा की जा रही है। वहीं कुछ लोगों ने यहां तक पूछ लिया 'क्या यही फ्रीडम ऑफ स्पीच' है।