भारत और पाकिस्तान के बीच एलओसी पर संघर्ष विराम की सहमति के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ने कहा कि द्विपक्षीय संबंधों में आगे बढ़ने के लिए सक्षम वातावरण बनाना भारत पर निर्भर करता है। इतना ही नहीं इमरान ने पाकिस्तान को शांति और बातचीत का समर्थक बताया है।


नई दिल्ली (एएनआई)। भारत और पाकिस्तान के डायरेक्टर-जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशन्स (DGMOs) के 2003 के युद्ध विराम के कार्यान्वयन की घोषणा के कुछ दिन बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने एक बार फिर कश्मीर का राग अलापा है। इमरान खान ने ट्वीट किया, मैं नियंत्रण रेखा (एलओसी) के साथ-साथ युद्धविराम की बहाली का स्वागत करता हूं। साथ ही कहा कि द्विपक्षीय संबंधों में आगे बढ़ने के लिए सक्षम वातावरण बनाना भारत पर निर्भर करता है। भारत को कश्मीरी लोगों की लंबे समय से चली आ रही मांग और अधिकार को पूरा करने के लिए आवश्यक कदम उठाने चाहिए ताकि UNSC के प्रस्तावों पर आत्मनिर्भरता हो सके।पाक ने भारतीय पायलट वापस किए


पाकिस्तान पीएम ने यह भी कहा कि हमने भारत की गैर जिम्मेदार सैन्य बर्बरता के कारण, पकड़े गए भारतीय पायलट को वापस करके, दुनिया के सामने पाकिस्तान के जिम्मेदार व्यवहार का भी प्रदर्शन किया। हम हमेशा शांति के लिए खड़े हुए हैं और बातचीत के माध्यम से सभी बाकी मुद्दों को हल करने के लिए आगे बढ़ने को तैयार हैं। संयुक्त राज्य अमेरिका, संयुक्त राष्ट्र और हुर्रियत ने भारत और पाकिस्तान के बीच 2003 के संघर्ष विराम के सुदृढ़ीकरण का सभी ने स्वागत किया है। इमरान के हालिया दावे का जवाब नहीं दिया

भारत ने यह भी कहा कि वह पाकिस्तान के साथ सामान्य पड़ोसी संबंध चाहता है लेकिन प्रमुख मुद्दों पर उसकी स्थिति अपरिवर्तित है। इमरान खान के कश्मीर मुद्दे पर भारत के साथ अच्छी तरह से चलने की संभावना नहीं है जैसा कि नई दिल्ली ने कहा है कि यह एक द्विपक्षीय मुद्दा है और केवल तभी बातचीत करने के लिए तैयार है जब पाकिस्तान आतंकवाद को प्रायोजित करना बंद कर दे। विदेश मंत्रालय (MEA) ने अभी तक इमरान खान के हालिया दावे का जवाब नहीं दिया है।

Posted By: Shweta Mishra