जानें कैसे नए नाम 'परशुराम' के साथ भारतीय वायुसेना में फिर शामिल हो गया सालों पहले कबाड़ में जा चुका 'डकोटा विमान'
विमान को कबाड़ से खरीदकर ब्रिटेन में नवीनीकृत कराया गया
नई दिल्ली (प्रेट्र)। हिंडन एयर फोर्स स्टेशन पर शुक्रवार को एक भव्य कार्यक्रम आयोजित हुआ। इसमें भारतीय वायु सेना में डकोटा परिवहन विमान को दोबारा नवनिर्मित कर अधिकारिक रूप से शामिल किया गया है। इस विमान को इंडियन एयरफोर्स में शामिल कराने में राज्यसभा सदस्य राजीव चंद्रशेखर की विशेष भूमिका है। उन्होंने ही डकोटा डीसी-3 वीपी-905 विमान को कबाड़ से खरीदकर ब्रिटेन में नवीनीकृत कराया है। इसे अब नया नाम 'परशुराम' दिया गया है। ऐसे में इस कार्यक्रम में राजीव चंद्रशेखर के सेवानिवृत्त पिता एयर कोमोडोर एमके चंद्रशेखर ने चीफ ऑफ एयर स्टाफ एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ को विमान की चाबियां सौंपी।
इन युद्धों में परिवहन विमान डकोटा ने निभाई थी खास भूमिका
खास बात तो यह है कि इसके चालक दल के सदस्यों में भारतीय वायु सेना के अलावा 'रीफ्लाइट एयरवर्क्स' के सदस्य भी शामिल थे। एमके चंद्रशेखर ने भी 26 अप्रैल को जामनगर से हिंडन एयर फोर्स स्टेशन तक इस विमान में यात्रा की। भारतीय वायुसेना में डकोटा कभी गोनी बर्ड के रूप में जाना जाने वाला पहला बड़ा परिवहन था। डकोटा को 1930 में रॉयल इंडियन एयरफोर्स में शामिल किया गया था। इस विमान ने द्वितीय विश्वयुद्ध के अलावा 1947 और 1971 में भारत-पाकिस्तान युद्ध में भी खास भूमिका निभाई थी। 1947 के युद्ध में भारत की जीत और कश्मीर की सुरक्षा में इसका योगदान विशेष योगदान था।