Aaj ka Panchang 17 February 2022 : तिथि नक्षत्र वार योग और करण से मिलकर पंचांग बनता है। गुरुवार 17 फरवरी के दैनिक पंचांग के मुताबिक शुभ मुहूर्त राहुकाल सूर्योदय और सूर्यास्‍त का समय तिथि नक्षत्र सूर्य करण चंद्र व दिशाशूल की स्थिति मास व पक्ष की समस्‍त जानकारी यहां दी गई है।

डाॅ. त्रिलोकीनाथ (ज्योतिषाचार्य और वास्तुविद)। Dainik Panchang 17 February 2022 : हिंदू धर्म में पंचांग का विशेष महत्व होता है। गुरुवार 17 फरवरी को प्रतिपदा तिथि 22:42:05 तक तदोपरान्त द्वितीया तिथि है। प्रतिपदा तिथि के स्वामी अग्नि देव हैं तदोपरान्त द्वितीया तिथि के स्वामी ब्रह्मा देव जी हैं। गुरुवार के दिन भगवान विष्णु जी की पूजा करने से दीर्घ आयु की प्राप्ति होती है।

आज के दिन क्या करें और क्या न करें
गुरुवार को दक्षिण दिशा में यात्रा नहीं करनी चाहिए। यदि ज्यादा आवश्यक हो तो घर से सरसों के दाने या जीरा खाकर निकलें। प्रतिपदा तिथि को विवाह, यात्रा, प्राण प्रतिष्ठा, गृह प्रदेश आदि मंगल कार्य के लिए यह तिथि अशुभ मानी गयी है। दिन का शुभ मुहूर्त, दिशाशूल की स्थिति, राहुकाल एवं गुलिक काल की वास्तविक स्थिति के बारे में जानकारी आगे दी गई है।

17 फरवरी 2022 दिन - गुरुवार का पंचाग
सूर्योदयः- प्रातः 06:23:00
सूर्यास्तः- सायं 05:37:00
विशेषः- गुरुवार के दिन भगवान विष्णु जी की पूजा करने से दीर्घ आयु की प्राप्ति होती है।
विक्रम संवतः- 2078
शक संवतः- 1943
आयनः- दक्षिणायन
ऋतुः- शिशिर ऋतु
मासः- फाल्गुन माह
पक्षः- कृष्ण पक्ष
तिथिः- प्रतिपदा तिथि 22:42:05 तक तदोपरान्त द्वितीया तिथि
तिथि स्वामीः- प्रतिपदा तिथि के स्वामी अग्नि देव हैं तदोपरान्त द्वितीया तिथि के स्वामी ब्रह्मा देव जी हैं।
नक्षत्रः- माघ 29:07:02 तक तदोपरान्त पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र
नक्षत्र स्वामीः- माघ तिथि के स्वामी केतु देव हैं तथा पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र के स्वामी शुक्र जी हैं।
योगः- अतिगंड 19:45:39 तक तदोपरान्त सुकर्म
गुलिक कालः- शुभ गुलिक काल 09:46:00 से 11:11:00 बजे तक
दिशाशूलः- गुरुवार को दक्षिण दिशा में यात्रा नहीं करनी चाहिए। यदि ज्यादा आवश्यक हो तो घर से सरसों के दाने या जीरा खाकर निकलें।
राहुकालः- आज का राहुकाल 01:59:00 से 03:23:00 तक
तिथि का महत्वः- प्रतिपदा तिथि को विवाह, यात्रा, प्राण प्रतिष्ठा, गृह प्रदेश आदि मंगल कार्य के लिए यह तिथि अशुभ मानी गयी है।
“हे तिथि स्वामी, दिन स्वामी, योग स्वामी, नक्षत्र स्वामी आप पंचांग का पाठन करने वालों पर अपनी कृपा दृष्टि बनाये रखना।”

Posted By: Shweta Mishra