Aaj ka Panchang 11 Nov: पंचांग पांच चीजों के योग से बनता है यह हैं तिथि नक्षत्र वार योग और करण। 11 नवम्बर 2020 दिन बुधवार के दैनिक पंचाग के अनुसार शुभ मुहूर्त राहुकाल सूर्योदय और सूर्यास्‍त का समय तिथि करण नक्षत्र सूर्य चंद्र व दिशाशूल की स्थिति मास व पक्ष की पूरी जानकारी नीचे दी गई है।

कानपुर (इंटरनेट-डेस्क)। Dainik Panchang 11 Nov, 2020: बुधवार को एकादशी 08:41:11 तक तदोपरान्त द्वादशी तिथि है। एकादशी तिथि के स्वामी विश्वदेव जी हैं तथा द्वादशी तिथि के स्वामी भगवान विष्णु जी हैं। एकादशी तिथि में चावल एवं सेम नहीं खाना चाहिए यह तिथि उपवास, धार्मिक कृत्य उद्यापन तथा कथा एकादशी में शुभ है। बुधवार को उत्तर दिशा में जाना अशुभ होता है यदि आवश्यक हो तो घर से धनियां या तेल खाकर निकलें। दिन का शुभ मुहूर्त, दिशाशूल की स्थिति, राहुकाल एवम् गुलिक काल की वास्तविक स्थिति के बारे में जानकारी आगे दी गई है।

11 नवम्बर 2020 दिन- बुधवार का पंचाग
सूर्योदयः- प्रातः 06:18:49
सूर्यास्तः- सायं 05:05:05
विशेषः- बुधवार के दिन गणेश भगवान की पूजा करने का विशेष महत्व होता है। आज के दिन शरीर पर तेल लगाने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।
विक्रम संवतः- 2077
शक संवतः- 1942
आयनः- दक्षिणायन
ऋतुः- हेमन्त ऋतु
मासः- कार्तिक माह
पक्षः- कृष्ण पक्ष
तिथिः- एकादशी 08:41:11 तक तदोपरान्त द्वादशी तिथि
तिथि स्वामीः- एकादशी तिथि के स्वामी विश्वदेव जी हैं तथा द्वादशी तिथि के स्वामी भगवान विष्णु जी हैं।
नक्षत्रः- उत्तरा फाल्गुनी 06:33:44 तक तदोपरान्त हस्त नक्षत्र
नक्षत्र स्वामीः- उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र के स्वामी सूर्य देव हैं तथा हस्त नक्षत्र के स्वामी चन्द्र देव जी हैं।
योगः- वैधृति 19:26:04 तक तदोपरान्त विषकुंभ
दिशाशूलः- बुधवार को उत्तर दिशा में जाना अशुभ होता है यदि आवश्यक हो तो घर से धनियां या तेल खाकर निकलें।
गुलिक कालः- शुभ गुलिक काल 06:37:00 से 07:59:00 बजे तक।
राहुकालः- राहुकाल 09:21:00 से 10:42:00 बजे तक।
तिथि का महत्वः- एकादशी तिथि में चावल एवं सेम नहीं खाना चाहिए यह तिथि उपवास, धार्मिक कृत्य उद्यापन तथा कथा एकादशी में शुभ है।
“हे तिथि स्वामी, दिन स्वामी, योग स्वामी, नक्षत्र स्वामी आप पंचांग का पाठन करने वालों पर अपनी *कृपा दृष्टि बनाये रखना।”

Astrologer Dr. Trilokinath

Posted By: Shweta Mishra