अमेरिका ने कहा है कि साइबर सिक्योरिटी का मुद्दा नेशनल सिक्योरिटी के लिए सबसे जरूरी है. इसलिए ओबामा गवर्नमेंट ने साइबर वर्ल्ड के खतरों और चुनौतियों से निबटने के लिए अपनी कैपेसिटी में काफी बढ़ोत्तरी की है.

साइबर क्रिमिनल्स के खिलाफ अमेरिका है सक्रिय   
व्हाइट हाउस के प्रेस सेक्रेटरी जोश अर्नेस्ट ने मंगलवार को बताया साइबर डेंजर अमेरिका के सामने मौजूद नेशनल सिक्योरिटी के खतरों में सबसे बड़ा है. हमारी सेना से जुड़ी सेंसिटिव जानकारियों से लेकर क्रेडिट कार्ड से इंफॉर्मेशन की चोरी तक इसके एंबिट में आती हैं. उन्होंने कहा कि ओबामा एडमिनिस्ट्रेशन ने इस चुनौती से निपटने के लिए प्राइवेट सेक्टर के साथ संबंधों के जरिये सरकार की कैपिसिटी में काफी बढ़ोत्तरी की है ताकि साइबर से जुड़ी क्राइम की वारदातों को रोका जा सके. साथ ही साइबर क्राइम के खिलाफ प्रोसीक्यूशन की कोशिशों भी बढ़ाई गई हैं.
अमेरिका में साइबर सिक्योरिटी बिल
ओबामा ने साइबर सिक्योरिटी के बारे में मई 2011 में कैपिटॅल हिल में एक बिल पेश किया था. इसका जिक्र करते हुए अर्नेस्ट ने कहा कि इस फैसले से देश की प्राइवेस और सिक्योरिटी को बचाने में मदद मिली है. अर्नेस्ट ने कहा उस समय से, एडमिनिस्ट्रेशन ने कांग्रेस के साथ मिल कर अहम साइबर सिक्योरिटी को तैयार करने की कोशिश की है. लेकिन यह काम इतना आसान नहीं है कि इस पर बिना विचार-विमर्श के काम किया जा सके. कांग्रेस ने कुछ मसलों पर उतनी फूर्ति नहीं दिखाई है जितनी उसे दिखानी चाहिए थी. लेकिन हम सब मिलकर इस बारे में लगातार कोशिशें कर रहे हैं.

 

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Posted By: Shweta Mishra