देश की सुरक्षा में लगे जवान इधर कुछ सालों से अपना आत्‍मन‍ियंत्रण सा खोते से द‍िखाई दे रहे हैं। ऐसा क्‍यों हो रहा है इसकी वजह साफ नहीं हो पा रही है लेक‍िन एक बार फ‍िर एक सीआरपीएफ जवान ने अपने चार साथ‍ियों की जान लेकर सवाल खड़े कर द‍िए हैं। खास बात तो यह है क‍ि ये कोई पहला मामला नही हैं। पहले भी छोटी-छोटी बातों में जवानों ने अपने साथि‍यों पर गोल‍ियां चलाकर मौत की नींद सुलाई है। ऐसे में इन मामलों के बाद लोगों के मन में कई तरह के सवाल उठ रहे हैं आख‍िर ऐसे वाकये क्‍यो दोहरा रहे हैं...


चार साथियों की हत्याहाल ही में छत्तीसगढ़ के बीजापुर में बासागुड़ा कैंप में सीआरपीएफ की 168वीं बटालियन जी-कंपनी के जवान तैनात हैं। कल यहां दोपहर के समय कुछ जवानों में दोपहर ड्यूटी को लेकर बातचीत होने लगी। मामला काफी बढ़ता गया और इस दौरान शाम करीब पांच बजे फिरोजाबाद के मूल निवासी जवान संत कुमार ने अपनी इंसास राइफल उठा ली। उसके बाद उसने देखते ही देखते अपने साथियों पर गोलियां बरसा दीं। इस दौरान सब इंस्पेक्टर विक्की शर्मा, एसआइ मेघ सिंह, राजवीर सिंह, शंकर राव की मौके पर ही मौत हो गई है। जबकि एक जवान गंभीर रूप से घायल हो गया, जिसे तुरंत हेलीकॉप्टर से रायपुर हॉस्िपटल भेजा गया। आरोपी जवान संत कुमार को हिरासत में ले लिया गया। मेजर पर चलाई गोलियां
इसी साल जुलाई में उत्तरी कश्मीर के उड़ी सेक्टर में भी एक ऐसा ही मामला सामने आया था। यहां ड्यूटी पर मोबाइल फोन के इस्तेमाल से रोकने पर गुस्साए सेना के एक जवान ने अपने ही वरिष्ठ अधिकारी (मेजर) पर ताबड़तोड़ गोलियां दाग थीं। 19 मद्रास रेजिमेंट के नायक काठी रीसन ने अपनी एसाल्ट राइफल से 71 आर्मर्ड रेजिमेंट के मेजर शिखर थापा के शरीर में रात करीब सवा बारह बजे पांच गोलियां दाग दी थीं। इस घटना के बाद ही आरोपी सैन्यकर्मी को हिरासत में ले लिया गया था। बीते साल की घटनाएंइसके पहले भी बीते साल अगस्त में जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा के पास बीएसएफ के जवान हीरालाल और  राकेश कुमार के बीच किसी मामले को लेकर कहा-सुनी हुई थी। इस दौरान हीरालाल ने अपनी सर्विस इंसास राइफल से राकेश कुमार पर गोली चला दी थी, जिससे राकेश की मौत हो गई थी। गोली चलाने वाले जवान को भी हिरासत में ले लिया गया था। इसके पहले भी बीएसएफ जवानों के साथी जवानों पर जानलेवा हमले के मामले सामने आ चुके हैं।

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Posted By: Shweta Mishra