Buddha Purnima 2020 पर पीएम मोदी बाेले, भगवान बुद्ध ने बहुत कुछ सिखाया थकने के बाद रुकना किसी समस्या का हल नहीं
कानपुर। PM Modi on Buddha Purnima 2020 कोरोना वायरस और लाॅकडाउन के बीच आज बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर एक वर्चुअल कार्यक्रम का आयोजन हो रहा है। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित कई बड़े नेता शामिल हो रहे हैं। इस खास अवसर पर पीएम मोदी ने मुख्य भाषण दिया है। भाषण की शुरुआत में पीएम नरेंद्र मोदी ने सबसे पहले अपने संबोधन में कहा कि आप सभी को और विश्वभर में फैले भगवान बुद्ध के अनुयायियों को बुद्ध पूर्णिमा की,वेसाक उत्सव की बहुत-बहुत शुभकामनाएंं।
वेसाक बुद्ध पूर्णिमा दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री @narendramodi का संबोधनदेखें लाइव: https://t.co/0Y1SzAu5o7#BuddhPurnima pic.twitter.com/eR0s060Ccn— डीडी न्यूज़ (@DDNewsHindi)
न्यूज एजेंसी एएनआई के ट्वीट के मुताबिक पीएम मोदी ने अपने भाषण में कहा कि प्रत्येक जीवन की मुश्किल को दूर करने के संदेश और संकल्प ने भारत की सभ्यता को, संस्कृति को हमेशा दिशा दिखाई है। भगवान बुद्ध ने भारत की इस संस्कृति को और ज्यादा समृद्ध किया है। वो अपना दीपक स्वयं बने और अपनी जीवन यात्रा से दूसरों के जीवन को भी प्रकाशित करते रहे। इससे हम सबको शिक्षा लेनी चाहिए।
Buddha is the symbol of both realization and self realization of India. With this self realization India is working in the interest of the humanity and the world, and will continue to do so: Prime Minister Narendra Modi pic.twitter.com/HfW7kyIKcw
— ANI (@ANI)पीएम मोदी ने कहा भारत दुनिया भर के अन्य देशों की मदद करने के लिए लगातार काम कर रहा है और आगे भी ऐसा ही करता रहेगा। थकने के बाद रुकना किसी समस्या का हल नहीं हो सकता। कोरोना वायरस को हराने के लिए हम सभी को मिलकर लड़ना होगा।
Today, India is standing firmly in support of everyone, without any discrimination, who are in need or who are in trouble, in the country or across the globe: PM Narendra Modi. #COVID19 pic.twitter.com/KRB3c00JSA— ANI (@ANI)पीएम मोदी ने कहा कि आज आप भी देख रहे हैं कि भारत निस्वार्थ भाव से,बिना किसी भेद के अपने यहां भी और पूरे विश्व में कहीं भी संकट में घिरे व्यक्ति के साथ पूरी मजबूती से खड़ा है।
कठिन स्थितियों पर विजय प्राप्त करे पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि भगवान बुद्ध कहते थे कि मानव को निरंतर ये प्रयास करना चाहिए कि वो कठिन स्थितियों पर विजय प्राप्त करे, उनसे बाहर निकले। थक कर रुक जाना कोई विकल्प नहीं होता। आज हम सब भी एक कठिन परिस्थिति से निकलने के लिए, निरंतर जुटे हुए हैं, साथ मिलकर काम कर रहे हैं।