परवेज़ मुशर्रफ़ को अदालत में पेश होने का हुक्म
यह आदेश अदालत ने मुशर्रफ़ के वकील की उस दलील की सुनवाई करते हुए दिया जिसमें कहा गया था कि वो ख़राब सेहत की वजह से कोर्ट में पेश नहीं हो सकते हैं.पिछले सप्ताह अदालत आते समय उन्हें 'दिल में दर्द' की शिकायत हुई थी. बाद में उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया.अभियोजन पक्ष के वकील का कहना है कि मेडिकल रिपोर्ट में 16 जनवरी को होने वाली सुनवाई से बचने की कोई वजह नहीं मिलती.इसके पूर्व में होने वाली सुनवाई में सुरक्षा चिंताओं के मद्देनज़र मुशर्रफ़ हिस्सा नहीं ले सके थे.संवाददाता का कहना है कि अधिकांश लोग उनकी बीमारी की रिपोर्ट को मामले की सुनवाई से बचाव से जोड़कर देख रहे हैं, इससे पहले बचाव दल ने कहा था कि सुरक्षा ख़तरों के कारण वो एक जनवरी और 24 दिसंबर मुक़दमें की सुनवाई में शामिल नहीं हो सके.
वह पाकिस्तान के पहले पूर्व सैन्य शासक हैं जिनके ख़िलाफ़ देशद्रोह का मुक़दमा चल रहा है. अगर उनका अपराध साबित होता है तो उनको फाँसी या उम्रक़ैद की सजा हो सकती है.मुशर्रफ़ के ख़िलाफ़ देशद्रोह का मुकदमा उनके वर्ष 2007 के एक फ़ैसले के ख़िलाफ़ है, जिसमें उन्होंने देश में आपातकाल लागू करने के आदेश दिए थे.
पूर्व राष्ट्रपति इन आरोपों से इनकार करते हैं. उनका कहना है कि उनके ख़िलाफ़ लगाए गए सारे आरोप राजनीति से प्रेरित हैं.