Chandrayaan 2 : मून मिशन का काउंटडाउन शुरू, राॅकेट 'बाहुबली' इतिहास रचने को तैयार
चेन्नई (आईएएनएस)। चंद्रयान-2 को लेकर पूरे देश को बेसब्री से इंतजार है। 15 जुलाई को तड़के भारत के दूसरे मून मिशन के तहत चंद्रयान-2 को लाॅन्च किया जाएगा। भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी के एक शीर्ष अधिकारी का कहना है कि चंद्रयान-2 को ले जाने वाले भारत के भारी रॉकेट की लांचिंग की उल्टी गिनती रविवार तड़के शुरू हो गई।
12 hours to go...For the launch of #Chandrayaan2 onboard #GSLVMkIII-M1Stay tuned for more updates... pic.twitter.com/yEmkmaJ9a1— ISRO (@isro)
रॉकेट को 'बाहुबली' उपनाम दिया गया
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के चेयरमैन के सिवन ने कहा, रविवार तड़के 6.51 बजे उल्टी गिनती शुरू हो गई। करीब 44 मीटर लंबा 640 टन का जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लांच व्हीकल-मार्क तृतीय (जीएसएलवी-एमके तृतीय) एक हिट फिल्म के हीरो की तरह सीधा खड़ा है। इस रॉकेट में 3.8 टन का चंद्रयान अंतरिक्ष यान है। रॉकेट को 'बाहुबली' उपनाम दिया गया है।
दूरी लगभग 3.844 लाख किलोमीटर
375 करोड़ रुपये का जीएसएलवी-मार्क 3 रॉकेट लगभग 16 मिनट बाद 603 करोड़ रुपये के चंद्रयान-2 अंतरिक्ष यान को पृथ्वी पार्किंग में 170 गुणा 40400 किलीमीटर की कक्षा में रखेगा। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि धरती और चंद्रमा के बीच की दूरी लगभग 3.844 लाख किलोमीटर है। चंद्रयान-2 में लैंडर-विक्रम और रोवर-प्रज्ञान चंद्रमा तक जाएंगे।लैंडर-विक्रम आगामी 6 सितंबर को चांद पर पहुंचेगा और उसके बाद प्रज्ञान यथावत प्रयोग शुरू करेगा।
चन्द्रयान 2 का लूनर रोवर एक बार में 10 मीटर का सफर तय करेगा
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गहरी जांच की प्रक्रिया से गुजर रहे
काउंटडाउन के समय रॉकेट और स्पेस क्राफ्ट सिस्टम्स गहरी जांच की प्रक्रिया से गुजर रहे हैं। इस दाैरान रॉकेट इंजन को चलाने के लिए उसमें फ्यूल भरा जाएगा। खास बात तो यह है कि इस मिशन की सफलता से भारत अंतरिक्ष महाशक्तियों की फेहरिश्त में एक पायदान और ऊंचा हो जाएगा। चंद्रयान-2 अपनी तरह का पहला मिशन है। यह चंद्रमा के दक्षिण ध्रुवीय क्षेत्र के उस क्षेत्र के बारे में जानकारी जुटाएगा जो अभी तक अछूता था।