कोस्टारिका के हाथों उरुग्वे की हार से हैरानी
कोलंबिया ने उम्मीदों के अनुरूप बेहद तेज़ी से खेल की शुरुआत की. इसका फ़ायदा भी उसे जल्दी ही मिल गया, जब केवल पांच मिनट बाद ही उसके खाते में एक गोल आ गया. यह गोल कोलंबिया के डिफ़ेंडर पाब्लो अरमेरो ने किया.उन्हें पेनल्टी एरिया में एक क्रॉस पर पास मिला, जिस पर उन्होंने बिना समय गंवाए लैफ्ट फ़ुट से शॉट लगाया, जिसे ग्रीस के एक रक्षक ने रोकने की कोशिश की, लेकिन वह नाकाम रहे.बॉल रक्षक के पांव से टकराती हुई जाल में समा गई और गोलकीपर कारनेज़िस को भी बचाव का मौक़ा नहीं मिला. हालांकि इसके बाद उन्होंने कई बेहतरीन बचाव मध्यांतर से पहले किए.
मध्यांतर से ठीक एक मिनट पहले ग्रीस के कोने को गोल बराबर करने का सुनहरा अवसर मिला, लेकिन उनके दमदार शॉट को कोलंबिया के गोलकीपर ओसपीना ने हवा में छलांग लगाते हुए सुरक्षित रूप से बाहर किया. मध्यांतर तक स्कोर 1-0 से कोलंबिया के पक्ष में रहा.कोलंबिया ने मध्यांतर के बाद खेल के 58वें मिनट में फ़ॉरवर्ड टियोफ़िलो गुटीरेज़ के माध्यम के दूसरा गोल किया. जबकि अंतिम और तीसरा गोल निर्धारित समय के बाद अतिरिक्त समय के खेल में जेम्स रोड्रिगुएज़ ने दागा.
अभी उरुग्वे इस सदमे से उभरा भी नहीं था कि पेनल्टी एरिया के बाहर से मिली फ़्री किक पर कोस्टारिका के ऑस्कर डुआर्टे ने हैडर से गोल कर टीम को 2-1 से आगे कर दिया. यह सब कुछ मध्यांतर के बाद केवल तीन मिनट के अंदर हुआ.दूसरा गोल खेल के 54वें और तीसरा गोल 57वें मिनट में हुआ. डुआर्टे का तो यह पहला अंतराष्ट्रीय गोल था. अचानक बदले समां से उरुग्वे के समर्थकों की आंखो में आंसू आ गए, तो कइयों के चेहरे पर खामोशी छा गई.ऐसा होता भी क्यों नही, आखिरकार दुनिया में सातवीं रैंकिंग और 1930 में पहली बार हुए विश्व कप और 1950 के विश्व कप की चैंपियन टीम अपने से कहीं पीछे 28वीं रैंकिंग की टीम से पिछड़ रही थी. इसके बाद कोस्टारिका ने छह मिनट शेष रहते हुए तीसरा गोल भी दाग दिया.यहां मध्य रेखा के पास दाएं छोर से डुआर्टे ने बॉल को संभाला और एक बेहतरीन पास मार्कोस यूरेना को दिया, जिन्होंने गोलकीपर को छकाते हुए गोल कर दिया. इसके साथ ही एक अत्यंत नाटकीय मैच में कोस्टारिका ने कोलंबिया को 3-1 से मात दे दी.
कौन जानता था कि दो बार की चैंपियन और साल 2010 में चौथे स्थान पर रहने वाली कोलंबिया की ऐसी गत बनेगी. ऐसे परिणाम के बाद वाकई यह ग्रुप ऑफ़ डेथ साबित हुआ, जिसका शिकार कोलंबिया बनी क्योंकि इस ग्रुप की दूसरी टीमें इंग्लैंड और इटली हैं.