कोरोना वायरस ने 50000 से अधिक लोगों की जान ले ली है। इसी बीच डब्ल्यूएचओ और आईएमएफ का कहना है कि नौकरियों को बचाने के लिए जीवन को बचाना बहुत जरूरी है।

जिनेवा (एएफपी) डब्ल्यूएचओ और आईएमएफ प्रमुखों ने शुक्रवार को जोर देकर कहा कि कोरोना वायरस महामारी में आजीविका को बचाने के लिए जीवन को बचाना बहुत जरूरी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक टेड्रोस अदनोम घेबियस और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की प्रबंध निदेशक क्रिस्टालिना जॉर्जीवा ने कहा कि अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी लाने के लिए कोरोना वायरस को पहले नियंत्रण में लाना जरूरी है। हालांकि उन्होंने स्वीकार किया कि सही संतुलन बनाना मुश्किल है। विश्व की अर्थव्यवस्था वायरस और लॉकडाउन के चलते ध्वस्त हो गई है। महामारी के प्रसार को रोकने के लिए तमाम देशों की सरकारें अपने नागरिकों को घर में रहने का आदेश दे चुकी हैं, जिसके चलते काफी आर्थिक नुकसान हो रहा है।

जीवन बचाएं तो बच सकती है नौकरी

बता दें कि कोरोना वायरस ने 50,000 से अधिक लोगों की जान ले ली है, जबकि एक मिलियन से अधिक लोग इस वायरस के चपेट में हैं। टेड्रोस और जॉर्जीवा ने ब्रिटिश अखबार द डेली टेलीग्राफ में एक संयुक्त लेख में लिखा, 'पूरी दुनिया इस वक्त कोरोना का जवाब दे रही है लेकिन सभी देश को अपने समाज व अर्थव्यवस्था को एक ठहराव में लाने के लिए वायरस के प्रसार को रोकने की आवश्यकता है। इस वक्त हमारे पास दो ही विकल्प हैं: या तो जीवन बचाओ या आजीविका। अगर हम वायरस को नियंत्रण में लाकर जीवन को बचाते हैं तो आजीविका भी बच सकती है।' दोनों ने कहा कि बहुत सारे गरीब देश में स्वास्थ्य प्रणालियां कोरोना रोगियों के लिए तैयार नहीं हैं और साथ ही उन्होंने उन देशों से स्वास्थ्य सेवा पर खर्च को प्राथमिकता देने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि वैश्विक स्वास्थ्य संकट और वैश्विक अर्थव्यवस्था के भाग्य एक दूसरे के साथ जुड़े हुए हैं। महामारी से लड़ना अर्थव्यवस्था को बढ़ने के लिए आवश्यक है।

Posted By: Mukul Kumar