Coronavirus : जानें क्या है COVID-19 और क्यों पड़ा ऐसा नाम
कानपुर। दुनियाभर में फैले कोरोना वायरस संक्रमण को विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने महामारी घोषित कर रखा है और लगातार इस पर नजर बनाए हुए है। 17 मार्च की शाम 5 बजे तक इससे 152 देश प्रभावित हो चुके हैं। इस महामारी से दुनियाभर के कुल 1,73,344 लोग संक्रमित हो चुके हैं, जिनमें से 7,019 लोगों की संक्रमण की वजह से मौत हो चुकी है। डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, अकेले चीन में 81,116 लोग संक्रमित हो चुके हैं, जिनमें से 3,221 लोगों की मौत होने की खबर है। भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, इस महामारी से भारत में मंगलवार की शाम 5 बजे तक 126 लोग संक्रमित हो चुके हैं जिनमें से 3 की मौत हो चुकी है।
क्या है कोरोना वायरस?डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, यह बड़े वायरस परिवार का एक सदस्य है जिसे कोरोना वायरस कहा जा रहा है। इसके संक्रमण से जनवर और इंसान बीमार पड़ सकता है। इंसानों में कोरोना वायरस के संक्रमण से स्वांस संबंधी तकलीफ होती है जैसे सर्दी-जुकाम से लेकर गंभीर स्वांस संबंधी बीमारी 'मिडिल इस्ट रेस्पाइरेटरी सिंड्रोम' (MERS-COV) 2012 में साऊदी अरब में ऊंटों से और 'सिवियर एक्यूट रेस्पाइरेटरी सिंड्रोम' (SARS-COV) 2003 में चीन में बिल्लियों से फैला था। 2019 में चीन के वुहान में फैले इस बीमारी को नोवल कोरोना वायरस (N-COV) कहा जा रहा है।
क्या है COVID-19?हाल में खोजे गए कोरोना वायरस से संक्रमित बीमारी का नाम COVID-19 है। डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, CO का मतलब (Corona) कोरोना, VI का मतलब (Virus) वाइरस, D का मतलब (Disease) बीमारी और 19 का मतलब (2019) वर्ष से है, जिस साल में इस बीमारी की खोज हुई। ध्यान रहे कि सबसे पहले दिसंबर 2019 में चीन के वुहान शहर से कोरोना वायरस के संक्रमण से लोग के बीमार होने की रिपोर्टें आनी शुरू हुईं थी। इसलिए वर्ष 2019 में खोजे गए कोरोना वायरस डिसीज को संक्षेप में कोविड-19 (COVID-19) नाम दिया गया है।क्या हैं कोविड-19 के लक्षण?डब्ल्यूएचओ वेबसाइट के मुताबिक, इस बीमारी के सामान्य लक्षण हैं- बुखार, थकान और सूखी खांसी। कुछ मरीजों को दर्द, नाक बंद, नाक बहना, गले में दर्द या दस्त लग सकते हैं। समय के साथ ये तकलीफ बढ़ती जाती है और संक्रमित व्यक्ति की हालत गंभीर होती जाती है। कुछ लोगों में संक्रमण के बावजूद लक्षण नजर नहीं आते और वे स्वस्थ्य महसूस कर सकते हैं। संक्रमित लोगों में ज्यादातर मरीज यानी करीब 80 फीसदी बिना किसी विशेष इलाज के ठीक हो जाते हैं। हर 6 संक्रमित व्यक्ति में से सिर्फ 1 व्यक्ति ही गंभीर रूप से बीमार पड़ता है। बुजुर्ग व्यक्ति जो हाई ब्लड प्रेशर, दिल की बीमारी या डाइबिटिज के शिकार हैं, उनके गंभीर रूप से बीमार पड़ने की ज्यादा आशंका है। बुखार, खांसी और सांस लेने में परेशानी हो तो डाॅक्टरी सलाह जरूरी है।