Coronavirus in World: मरने वालों संख्या 345000 पार, 21 लाख से अधिक लोग हुए ठीक
पेरिस (रॉयटर्स)। दुनिया भर में कोरोना वायरस से मरने वालों संख्या 345000 पार गई है। मंगलवार की सुबह तक, वैश्विक स्तर पर इस बीमारी से कुल 345,415 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं, जबकि दुनिया भर में कोरोना पॉजिटिव मामलों की संख्या अब 5,502,518 तक पहुंच गई है। इसके अलावा, इस खतरनाक बिमारी से दुनिया भर में 2,159,363 लोग उबर भी गए हैं। वहीं, सबसे अधिक संक्रमितों के मामले में ब्राजील दूसरे नंबर पर पहुंच गया है। यहां 374,898 लोग संक्रमित हो गए हैं, जबकि इस बीमारी से 23,473 लोगों की मौत हो चुकी है।
अमेरिका का हालइस वक्त, अमेरिका में सबसे अधिक 1,667,468 लोग इस वायरस के चपेट में हैं। वहीं, दुनिया में अमेरिका ऐसा पहला देश है, जहां इस वायरस से सबसे अधिक 98,063 मौतें हुईं हैं। इसके अलावा यहां 360,068 लोग इस बीमारी से ठीक हो गए हैं। न्यूयॉर्क शहर अमेरिका में सबसे अधिक प्रभावित कोरोना वायरस क्षेत्र है। अकेले न्यूयॉर्क में इस वायरस ने अब तक 23,282 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, यहां अब तक 3।60 लाख से अधिक मामले सामने आ चुके हैं।
यूरोप में भी हाल गंभीरयूरोपियन देश भी इस वायरस से सबसे अधिक प्रभावित हैं। पूरे यूरोप में 168,133 मौतें हुई हैं। इस महामारी की शुरुआत के बाद से फ्रांस में अब तक 28,457 मौतें दर्ज की गई हैं। इसके अलावा इस देश में 182,942 लोग कोरोना से संक्रमित हैं। वहीं, स्पेन में मृतकों की कुल संख्या अब 26,837 हो गई है। यूरोपियन देश की बात करें तो स्पेन (253,254) और लंदन (261,184) में सबसे अधिक लोग संक्रमित हैं। वहीं, इटली में इस वायरस से 230,158 लोग संक्रमित और 32,877 मौतें हो चुकी हैं। वहीं, जर्मनी में भी तेजी से इस वायरस का प्रसार हो रहा है। अब तक वहां कोरोना के 178,732 मामले सामने आ चुके हैं। इसके अलावा, यहां 8,294 लोगों की मौत हुई है। अगर ब्रिटेन की बात करें तो यहां कोरोना 36,914 लोगों की जान ले चुका है। बता दें कि यूरोप में कई जगहों पर लॉकडाउन में ढील दी गई है।
सबसे अधिक संक्रमितों के मामले में रूस तीसरा देशइसके अलावा, दुनिया में सबसे अधिक संक्रमितों के मामले में रूस तीसरा देश बन गया है। यहां कोरोना से संक्रमित होने वालों की संख्या बढ़कर 353,427 हो गई है। अब तक कोरोना से देश में 3,633 लोगों की मौत हो गई है। हालांकि, सही संख्या अधिक मानी जा रही है क्योंकि सभी का परीक्षण नहीं किया गया है। पूरे रूस की बात करें तो मॉस्को में आधा से ज्यादा कोरोना के मामले हैं और यहां वायरस के कारण ही सभी लोगों को सांस से जुड़ी समस्या होने की संभावना है।