COVID-19 : कोरोना वायरस से बचने में लहसुन या एंटीबाॅयोटिक्स खाना कितना कारगर? WHO ने तोड़े इस वायरस से जुड़े तमाम मिथ, आप भी जानें
कानपुर। विश्व स्वाथ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने इनमें से बहुत सारे मिथ की सचाई बताई है। डब्ल्यूएचओ का साफ कहना है कि इस वायरस को हल्के में न लें, संक्रमण होने पर तुरंत डाॅक्टरी सलाह लें और बचाव के जो तरीके बताए गए हैं उनका सख्ती से पालन करें। जैसे भीड़-भाड़ वाले इलाकों में जानें से बचें, बार-बार साबुन से हाथ धोएं या अल्कोहल बेस्ड हैंड सेनेटाजर का इस्तेमाल करें, मास्क का प्रयोग करें इत्यादि।
अभी तक जो प्रमाण मिले हैं, उससे कोविड-19 वायरस किसी भी इलाके में फैल सकता है। गर्म और आर्द्रता वाले इलाके में भी। मौसम का संक्रमण फैलने या रुकने से कोई लेना-देना नहीं है। जहां आप रह रहे हैं वहां बचाव के उपाय करें। कोविड-19 के मामले जहां पाए गए हैं, वहां जाने से बचें। कोविड-19 संक्रमण से बचाव का सबसे अच्छा तरीका है बार-बार अपने हाथ साफ करें। ऐसा करके आप अपने हाथों को वायरस मुक्त कर सकते हैं क्योंकि हाथों से आंखों, नाक या मुंह छूने से संक्रमण हो सकता है।
लहसुन स्वास्थ्य के लिए लाभकर है। इसमें बहुत सारे सूक्ष्मजीवरोधी गुण पाए जाते हैं। इसके बावजूद ऐसा कोई प्रमाण नहीं मिला है कि इसके खाने से नये कोरोना वायरस के संक्रमण से व्यक्ति का बचाव हो।
नहीं, एंटी बाॅयोटिक्स वायरस के खिलाफ काम नहीं करतीं, ये सिर्फ बैक्टीरिया के लिए होती हैं। नया कोरोना वायरस है इसलिए एंटीबाॅयोटिक्स इसके संक्रमण से बचाव या उपचार में काम नहीं आता। हालांकि संक्रमित व्यक्ति जब अस्पताल में भर्ती होता है तो उसके उपचार के लिए एंटीबाॅयोटिक्स दिए जा सकते हैं क्योंकि हो सकता है वह वायरस के अलावा बैक्टीरिया से भी संक्रमित हो।
अभी तक नये कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव या इसके इलाज की कोई दवा मौजूद नहीं है। हालांकि इससे संक्रमित लोगों के सही तरीके से देखभाल और लक्षण के आधार पर उपचार से ठीक किया जा सकता है। जो गंभीर रूप से बीमार हैं, उन्हें उपयुक्त सपोर्ट देकर इलाज किया जा रहा है। इलाज के कुछ तरीकों की जांच पड़ताल की जा रही है और उनका क्लीनिकल ट्रायल किया जा रहा है। डब्ल्यूएचओ अपने सहयोगियों के साथ मिलकर रिसर्च और डेवलपमेंट पर काम कर रहा है।