कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेता जनार्दन द्विवेदी को अचानक से ऐसा क्‍या हुआ कि वह पीएम मोदी के मुरीद बन गए. इतना ही नहीं उन्‍होंने एक इंटरव्‍यू में यहां तक कह दिया कि मोदी भारतीय लोगों के बेहद करीब हैं. हालांकि बाद में जब यह बात चर्चा में आई तो वह इससे कलटी मार गए. उन्‍होंने कहा कि उनकी बात को संदर्भ से अलग हटकर पेश किया गया.

संदर्भ से हटकर पेश किया जा रहा
लगातार चुनावी झटकों से निराश हो चुकी कांग्रेस को अपना कुनबा संभालना मुश्किल हो रहा है. माना जा रहा है मोदी का जादू सिर्फ जनता ही नहीं कांग्रेस के नेताओं के सिर पर भी छा रहा है. तभी तो कोई बीजेपी का दामन थाम रहा है तो कोई बीजेपी के गुणगान कर रहा है. कांग्रेसी नेता कृष्णा तीरथ के बाद अब कांग्रेस महासचिव द्विवेदी भी बीजेपी का राग अलापने लगे. हालांकि जब उनका इंटरव्यू चर्चा में आया तो वह अपने बयान से पलट गए. उन्होंने कहा कि उनके बयान को उनके संदर्भ से हटकर पेश किया जा रहा है. उनका ऐसा मतलब बिल्कुल नहीं था. सूत्रों की माने तो कांग्रेस अपने बिखरते कुनबे को लेकर काफी परेशान हैं. ऐसे में कांग्रेस महासचिव जनार्दन द्विवेदी के बयान ने कुछ पलों के लिए उसे और ज्यादा झटके में ला दिया था.

पीएम मोदी जनता के बेहद करीब
कल कांग्रेस महासचिव जनार्दन द्विवेदी को एक न्यूज पोर्टल को इंटरव्यू दिया था. जिसमें उन्होंने यह कहा था कि मोदी ने एक नए युग की शुरुआत की है. पीएम मोदी देश की जनता को यह समझाने में कामयाब रहे कि सामाजिक नजरिये से वह भारतीय नागरिकों के बेहद करीब हैं. यह उनकी जीत नहीं बल्िक भारतीयता की जीत है. इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि  2014 का चुनाव परिणाम मोदी या बीजेपी की जीत नहीं, बल्कि कांग्रेस की हार है. इस इंटरव्यू ने जब उनकी आगामी कार्य योजना को लेकर अटकलबाजियों को जन्म दिया तोउन्होंने कहा कि 'मेरे जैसे दृढ़ निश्चयी लोग अपने विचार और निष्ठा नहीं बदलते. हमारे जीवन का लक्ष्य निश्चित होता है. अगर ऐसा समय आया तो मैं दलगत राजनीति से अलग हो जाउंगा. गौरतलब है कि द्विवेदी के पहले शशि थरूर ने मोदी की तारीफ की थी तो उन्हें मीडिया पैनल से हटा दिया गया था. थरूर द्वारा की गई प्रशंसा को कांग्रेस ने अनावश्यक चाटुकारिता कहा था.

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Posted By: Satyendra Kumar Singh