कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद अपनी किताब 'सनराइज ओवर अयोध्या : नेशनहुड इन अवर टाइम' के विमोचन के साथ विवादों में घिर गए हैं। दिल्ली के दो वकीलों ने उनके खिलाफ उनकी किताब में हिंदू धर्म की कथित रूप से बदनाम करने और आतंकवाद से तुलना करने के लिए दिल्ली पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है।


नई दिल्ली (एएनआई)। पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद को अपनी किताब 'सनराइज ओवर अयोध्या : नेशनहुड इन अवर टाइम' के विमोचन के साथ कानूनी मुद्दों का सामना करना पड़ रहा है। दिल्ली के दो वकीलों ने खुर्शीद के खिलाफ उनकी किताब में हिंदू धर्म की कथित रूप से बदनाम करने और आतंकवाद से तुलना करने के लिए दिल्ली पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। अधिवक्ता विवेक गर्ग ने अपनी शिकायत में खुर्शीद के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग की है। शिकायत में आरोप लगाया गया है कि अपनी नई किताब 'सनराइज ओवर अयोध्या : नेशनहुड इन अवर टाइम' में, जो मुख्य रूप से अयोध्या के फैसले पर आधारित है और पिछले हफ्ते जारी की गई थी, वरिष्ठ कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने हिंदुत्व की तुलना आईएसआईएस और बोको हराम जैसे कट्टरपंथी आतंकवादी समूहों से की है। .भावनाओं को भी भड़काने का प्रयास
शिकायत में यह भी कहा कि गया है कि यह कांग्रेस की सच्ची मानसिकता को दर्शाता है क्योंकि वे हिंदुओं के साथ कृत्रिम समानता बनाकर आईएसआईएस के कट्टरपंथी तत्वों को वैध बनाने की कोशिश करते हैं। अधिवक्ता विवेक गर्ग ने अपनी शिकायत में कहा कि कथित आरोपी द्वारा लिखी गई उक्त पुस्तक की भाषा, इरादा, देशद्रोह, भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने की साजिश, हिंदू-मुसलमानों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने आदि का खुला मामला है। वहीं अधिवक्ता विनीत जिंदल ने अपनी शिकायत में कहा कि उक्त पुस्तक में प्रकाशित बयान न केवल भड़काने वाला है बल्कि हिंदू धर्म के अनुयायियों के बीच भावनाओं को भी भड़का रहा है।वकीलों ने कहा यह एक गंभीर अपराध हमारा संविधान प्रत्येक नागरिक को बोलने और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता प्रदान करता है लेकिन इस अधिकार का दुरुपयोग अक्षम्य है जब यह देश के सम्मान और सद्भाव को खतरे में डालता है और अपने नागरिकों को समुदाय और धर्म के आधार पर उकसाता है और राष्ट्र की सुरक्षा को खतरा देता है तो इसे एक गंभीर अपराध के रूप में माना जाता है। यह पूरे हिंदू समुदाय के लिए एक बहुत ही आक्रामक और अपमानजनक बयान है और समाज के बारे में उनके मूल्यों और गुणों पर भी सवाल उठाता है। वकील की शिकायत में कहा गया है कि आरोपी ने अपनी किताब में उपरोक्त बयान देकर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 153,153ए, 298 और 505 (2) के तहत अपराध किया है जो संज्ञेय अपराध हैं और बहुत गंभीर हैं।

Posted By: Shweta Mishra