कल क्रिसमस है और आपको चारों ओर खुशियां सजावट और कैरोल की आवाजें सुनायी देने लगी हैं। ऐसे में आपने कुछ खास रंगों से इमारतों और चर्च को सजे देखा होगा। इन रंगों में सबसे ज्‍यादा लाल हरा और सुनहरा रंग दिखाई पड़ता है। ऐसा इसलिए क्‍योंकि इन रंगों का क्रिसमस परकुछ खास मतलब होता है। ये रंग इस त्‍योहार से प्रतीकात्मक तौर से जुडे़ होते हैं । क्‍या आप जानते हैं ये तीनों रंग जीसस क्राइस्ट की दी हुई कुछ शिक्षाओं से जुड़े हैं। चलिए आज हम अापको इनका मतलब समझाते हैं।

लाल रंग- कहते हैं यह रंग जीसस क्राइस्ट के रक्त का प्रतीक है जो उनका दूसरों के प्रति बेपनाह प्यार दर्शाता है। जीजस हर ईसाइ को अपनी संतान समझते थे और उन्हें अनकंडीशनली प्यार करते थे। इस लाल रंग के जरिए वे सबको मानवता का पाठ पढ़ाना चाहते थे। उनका कहना था कि लाल खुशी का रंग है क्योंकि जहां प्यार होगा वहां खुशी अपने आप ही आ जाएगी।
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हरा रंग- यीशु ने हरे रंग को जीवन का प्रतीक बताया है। उन्होंने संदेश दिया कि जैसे इससख्त सर्दी में भी पेड़ पौधे हरे भरे और जीवन से भरपूर होते हैं ऐसा ही मनुष्य को बनना चाहिए। जब दर्द से रक्त जमने लगे और कष्टों की ओस से सब कुछ सर्द हो जाये  तब हरा रंग हमें जीवन की गरमाहट का अहसास कराता है। ईसाई धर्म के अनुसार हरा रंग प्रभू यीशु के शाश्वत जीवन का प्रतीक है। भले ही उनकी हत्या कर दी गयी हो लेकिन वह आज भी हर ईसाइ के दिल में जिंदा हैं और रहेंगे इसलिये हरे रंग का मतलब होता है जिंदगी।
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सुनहरा रंग- सुनहरे रंग का अर्थ है लोगों का खुशियों, प्यार और सहयोग की भेंट देना। जैसे यीशु के जन्म पर आए तीसरे राजा ने भेंट में सोना दिया था। भगवान ने असहाय मरियम को अपने बेटे को जन्म देने के अवसर की भेंट दी।। मरियम और यूसुफ ने यीशु को जीवन की भेंट देने के लिए अनगिनत बाधाओं का सामना किया। यीशु इस रंग से शिक्षा देते हैं कि भगवान के सामने सब बराबर हैं, और मानव जीवन एक उपहार है जो स्वंय भगवान ने दिया है।
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Posted By: Molly Seth