सावधान बदलता मौसम 2060 तक कराची को डुबो सकता है
कोई इंटर नेशनल थ्रेट नहीं, किसी हमले की आशंका नहीं और पाकिस्तान का कोई दुश्मन देश उसके खिलाफ नहीं होगा लेकिन फिर भी इस देश के दरवाजे पर एक बड़ा खतरा दस्तक दे रहा है. इस सबके लिए किसी हद तक जिम्मेदार पूरी दुनिया के लोग हैं जो प्रकृति से मिलने वाली हर सुविधा को फॉर ग्रांटेड लेते है. जीहां ग्लोबल वार्मिंग को इग्नोर करने की हमारी फितरत अब खतरनाक हो गयी है. पाकिस्तान के सबसे बड़ा शहर और फाइनेंशियल कैपिटल कराची ग्लोबल वार्मिंग के चलते 2060 तक जलमग्न हो सकता है. एक टॉप समुद्र विज्ञानी ने यह चेतावनी दी है. बलूचिस्तान और सिंध प्राविंस के तटों पर समुद्री कटाव के बढ़ते खतरे की रिपोर्ट के बीच यह चेतावनी आई है कि अगर इस पर ध्यान नहीं दिया गया तो क्या कयामत आ सकती है.
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की खबर के मुताबिक नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओसनग्राफी के डायरेक्टर जनरल आसिफ ईनाम ने कहा है, कराची के मालिर इलाके का कुछ हिस्सा पहले ही जलमग्न हो चुका है जबकि सिंध का थट्टा और बादीन जिला 2050 तक डूब जाएगा. साथ ही यह आशंका जताई गई है कि समूचा कराची शहर 2060 तक जलमग्न हो जाएगा. उन्होंने बादिन और थट्टा के पास तट पर भू-क्षरण के लिए पर्यावरणीय बदलाव, मानसून की प्रचंडता और बाढ़ आने में वृद्धि का जिक्र किया है. जाहिर है समय रहते मिली चेतावनी को समझ कर अगर सही कदम नहीं उठाए गए तो ये तबाही कराची तक नहीं रुकी रहेगी.
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