शास्त्री जी के पाेस्टमार्टम को लेकर उठे सवाल? पीएम करेंगे मौत के रहस्य का खुलासा!
नई दिल्ली (पीटीआई )। पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी का निधन 11 जनवरी, 1966 में हो गया था लेकिन आज भी उनकी मौत एक रहस्य बनी है। लाल बाहदुर शास्त्री 1965 की भारत पाकिस्तान लड़ाई के बाद पाक के राष्ट्रपति मुहम्मद अयूब खान के साथ एक घोषणापत्र पर साइन करने के कुछ ही घंटे बाद ही ताशकंद में दुनिया को अलविदा कह गए थे। हालांकि वैसे तो उनकी मृत्यु कथित रुप से दिल का दौरा पड़ने से हुई थी लेकिन विदेशी धरती पर उनकी मौत से जुड़ी परिस्थितियों पर कई प्रश्न खड़े हुए। अब तक उनकी इस रहस्यमयी मौत के मामले में कई बार आरटीआई भी दाखिल की जा चुकी है।
क्या शास्त्री जी का पाेस्टमार्टम हुआ था
एक आरटीआई में पूछा गया है कि क्या शास्त्री जी का पाेस्टमार्टम किया गया था। ऐसे में कल सूचना आयुक्त श्रीधर आचार्युलू ने कहा कि आयोग सभी गोपनीय कागजातों को प्रधानमंत्री और गृहमंत्री के सामने रखने का निर्देश देता है। जिससे कि वे इस मामले की जानकारियों को सार्वजनिक करना है या नहीं इस पर कोई फैसला ले सकें। यह सिफारिश लोगों के जानने के मौलिक अधिकार और रिकाॅर्ड को सार्वजनिक करने की उनकी मांग पर विचार करते हुए की जा रही है। उन्होंने यह भी कहा है कि दस्तावेज सार्वजनिक करने के लिए सूचना अधिकारी, विशेषज्ञ समिति या अन्य प्रक्रिया की मदद ले सकते हैं, जिससे इस रहस्य से जल्द से जल्द से पर्दा उठ सके।
रिकाॅर्ड का गायब होना हैरान करने वाला
इतना ही नहीं सूचना आयुक्त आचार्युलू ने इस बात पर आश्चर्य प्रकट किया कि 1970 के दशक में जनता पार्टी सरकार द्वारा शास्त्री जी की मौत की जांच के लिए राजनारायण समिति बनाई गई थी। ऐसे में हैरानी की बात यह है कि इस जांच समिति से जुड़ा कोई रिकॉर्ड राज्यसभा के पास उपलब्ध नहीं है। जबकि संसद बहुत सावधानी से दस्तावेजों को सहेजने के लिए जानी जाती है। यहां हर एक चीज का रिकाॅर्ड और सार्वजनिक दायरे में रखा जाता है। खास बात तो यह है कि संसद कार्यालय इस दिशा में पूरी तरह से समर्पित भी रहता है लेकिन ऐसे में इस तरह के मामले से जुड़े रिकाॅर्ड का गायब हो जाना आश्चर्यचकित करने वाला है।