कारगिल वॉर में चीनी सैनिकों की मौजूदगी के खुलासे से हड़कम्‍प मच गया है। ये खुलास खुद सेना से निकाले गये एक पूर्व ब्रिगेडियर ने अपनी रिपोर्ट में किया था। ब्रिगेडियर पर सेना के क्‍लासीफाइड डॉक्‍यूमेंटस को लीक करने का आरोप लगा था। इन दिनो चीन भारत के कुछ इलाकों पर अपनी पैठ मजबूत करने में लगा हुआ है। जिसके बाद ये खुलासा हैरान कर देने वाला है।

एक इंटेलीजेंस रिपोर्ट में हुआ खुलासा
भारत पाकिस्तान के बीच 1998 में हुये कारगिल वॉर में पाकिस्तानी सेना की ओर से चीनी सैनिकों ने भी भारत के खिलाफ युद्ध किया था। इस बात का खुलासा सेना से निकाले गये एक पूर्व ब्रिगेडियर की रिपोर्ट में किया है। इन दिनो चीन और भारत की तकारर समय के साथ बढ़ती जा रही है। नौ पेज की इस इंटेलीजेंस रिपोर्ट को अगस्त में क्लेम किया गया था। उस दौरान 121 इनफेंट्री ब्रिगेड के कमांडर ब्रिगेडियर सुरेन्द्र सिंह इस बात की पुष्टि की थी। ब्रिगेडियर सिंह ने जनरल ऑफीसर कमांडिंग को 25 अगस्त 1998 में एक ब्रीफ भेजी थी। जो अब आर्म्ड फोर्स ट्रिब्यूनल का कोर्ट रूम रिकॉर्ड बन चुकी है। ब्रिज सिंह नाम के एक शख्स ने एक याचिका दायर की थी। ब्रिज सिंह को भी इस मामले में आर्मी से डिसमिस कर दिया गया था।
बिना कोर्ट मार्शल के निकाला गया था ये सैनिक
मई 1999 से 26 जुलाई 1999 के बीच भारत और पाकिस्तान के बीच विवाद हो गया था। उस समय जो सीनियर आर्मी ऑफीसर थे उन्होंने ब्रिज सिंह की बात को सिरे से नकार दिया था। उन्होंने कहा कि ये पहली बार है जब उन्होंने कारगिल वॉर में चीनी आर्मी के दखल देने की बात सुनी है। पूर्व लेफ्टीनेंट जनरल कमल जीत सिंह जो की अर्मी की वेर्स्टन कमांड के चीफ थे उन्होंने र्कहा था कि युद्ध में चीन की भागेदारी की संभावना नहीं हैं। पाकिस्तान के साथ भारत के युद्ध में चीन नहीं कूदेगा। अगर चीन पाकिस्तान के लिये अपने दरवाजे खोलता है तो पाकिस्तान जरूर इसका फायदा उठायेगा। ब्रिज सिंह को बिना कोर्ट मार्शल के आर्मी से निकाला गया था। अपने खोये हुये सम्मान को पाने के लिये ब्रिज सिंह 2001 से इस केस को लड़ रहे हैं।

 

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Posted By: Prabha Punj Mishra