चीन में लैंगिक असंतुलन की समस्या से निपटने के लिए एक प्रोफ़ेसर के सुझाव को लेकर बड़ा विवाद हो रहा है।


चेचियांग यूनिवर्सिटी में अर्थशास्त्र के प्रोफ़ेसर शी सुओशी ने सुझाव दिया कि एक महिला के कई पति हो सकते हैं।सोशल मीडिया में उनके इस सुझाव को अनैतिक बताते हुए भारी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है।चीन दुनिया के उन देशों में से है जहां बहुत लैंगिक असंतुलन है। वहां 100 लड़कियों के मुक़ाबले 118 लड़के हैं।इसकी वजह चीन में एक बच्चे की नीति और लड़कियों से ज़्यादा लड़कों को अहमियत दिया जाना है।इस सबके के बावजूद प्रोफ़ेसर शी के सुझाव की कड़ी आलोचना हो रही है।चीनी सोशल मीडिया वेबसाइट वाइबो पर Superelfjunior नाम के यूज़र ने लिखा, "अगर आपको जीवनसाथी नहीं मिलता तो कोई बात नहीं। अगर पत्नी सिर्फ़ बच्चे पैदा करने लिए है और इसके लिए उसे कई पुरूषों के साथ सोना पड़े तो फिर इंसानों और जानवरों में क्या अंतर रह गया?"
चीन में महिला अधिकारों के लिए काम करने वाली चिंग शियोंग ने बीबीसी से कहा, "लैंगिक असंतुलन की समस्या लड़कों को लड़कियों से ज़्यादा अहमियत देने से पैदा होती है।"


उनका कहना है, "इससे निपटने का जो तरीक़ा बताया जा रहा है वो भी बहुत ही पुरूष केंद्रित है, ये बहुत ही हास्यास्पद है. प्रोफ़ेसर शी के सुझाव में महिलाओं की इच्छा और अधिकारों की पूरी तरह अनदेखी की गई है और उन्हें सिर्फ़ भोग की वस्तु समझा गया है।"प्रोफ़ेसर शी का कहना है कि उन्हें भी बहुत सारे लोगों ने ग़ुस्सा में फोन किया है। लेकिन वो अपने रुख़ पर कायम है। उनका कहना है कि क़ानून और नैतिकता बदलते रहते हैं।

Posted By: Satyendra Kumar Singh