पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर में एक चीनी नागरिक को कुरान के कथित अपमान के आरोपों में हिरासत में ले लिया गया है.इस शख्स का नाम ‘ली’ है जो कश्मीर में एक बांध बनाने वाली चीनी कंपनी के लिए काम करते हैं.
By: Garima Shukla
Updated Date: Sat, 18 May 2013 04:05 PM (IST)
एक पुलिस अधिकारी ने बीबीसी को बताया कि ली आम जनता के गुस्से का शिकार न बन जाएं इसलिए उन्हें हिरासत में लिया गया. पाकिस्तान में कुरान के अपमान से जुड़े आरोपों को बड़ी गंभीरता से लिया जाता है और हाल के दिनों में ऐसे कई विवादास्पद मामले भी सामने आएं हैं.
पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर के पुलिस प्रमुख ने अधिकारियों, राजनेताओं, स्थानीय धार्मिक नेताओं और पत्रकारों की एक समिति गठित की है ताकि इस मामले की जांच कराई जा सके.
हालांकि पुलिस ने इस बाबत कोई मामला दर्ज़ नहीं कराया है और उनका कहना है कि वे समिति की रिपोर्ट आने का इंतज़ार करेंगे. बीबीसी के ज़ुल्फ़िकार अली का कहना है कि क़ुरान के अपमान से जुड़े पाकिस्तानी
क़ानून के तहत पहली दफा किसी विदेशी नागरिक पर धर्मग्रंथ के अपमान का आरोप लगा है.
भीड़ का हमला
मुज़फ़्फराबाद शहर के एक अधिकारी का कहना है कि ली और चीनी कंपनी के लिए काम कर रहे एक स्थानीय डॉक्टर के बीच विवाद हुआ जिसके बाद कथित तौर पर यह घटना हुई जिनके आरोपी ली हैं.
मुज़फ़्फराबाद के प्रशासन प्रमुख अंसार याक़ूब के मुताब़िक पिछले हफ्ते ली ने डॉक्टर सज़्ज़ाद को परिसर में बने कर्मचारियों के क्वॉर्टर के एक कमरे से दूसरे कमरे में जाने को कहा था.
याक़ूब के मुताबिक जब डॉक्टर सज़्ज़ाद ने इनकार कर दिया तब ली ने स्थानीय लोगों की मदद से उनका सामान बाहर फेंक दिया. डॉक्टर सज़्ज़ाद ने दूसरे कर्मचारियों को बताया कि उनके सामान के साथ रखी गई कुरान की एक प्रति और दूसरी धार्मिक किताबों को भी बाहर फेंक दिया गया.
पाकिस्तान मे ईशनिंदा के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाने वालों नेताओं की हत्या भी हुई हैहालांकि इस बाबत न ली और न ही डॉक्टर सज़्ज़ाद की टिप्पणी मिल पाई है. पुलिस का कहना है कि इस घटना को लेकर स्थानीय कर्मचारी नाराज़ हो गए और बाद में आस-पड़ोस के गांव में रहने वाले सैंकड़ों लोगों ने भी इसका विरोध करना शुरू कर दिया.एक चश्मदीद गवाह का कहना है कि लोगों ने परिसर पर पत्थरबाज़ी की और इमारत के कुछ हिस्से और कई गाड़ियों को क्षतिग्रस्त पर दिया. पाकिस्तान में धार्मिक ग्रंथ के अपमान या ईश निंदा के कथित आरोपियों को कई दफ़ा गुस्साई भीड़ ने मार दिया है. साल 2011 में पाकिस्तान में जिन दो प्रमुख राजनेताओं ने ईश निंदा क़ानून के ख़िलाफ आवाज़ उठाई उनकी हत्या कर दी गई.
Posted By: Garima Shukla