अब चीन और अमेरिका मिलकर करेंगे आतंकवाद का सामना
मोदी की नजदीकियों से हुआ परेशान
चीन द्वारा अमेरिका के साथ सहयोग करने वाली बात को लेकर कुछ एक्सपर्ट का मानना है कि चीन, नरेंद्र मोदी और बराक ओबामा के बीच पिछले दिनों आईं नजदीकियों से काफी परेशान हुआ है, जिसकी वजह से उसने अमेरिका से अपनी यह इच्छा जाहिर की हो. हालांकि चीन भी पिछले करीब 3 सालों से कई सारी आतंकी गतिविधियों से जूझ रहा है.
आतंकवाद का विरोध
चीन के विदेश मंत्री वांग ने पेंटागन में अमेरिकी रक्षा मंत्री चुक हेगल से मुलाकात की. इस मुलाकात के दौरान वांग ने कहा कि वह आतंकवाद के किसी भी रूप का विरोध करता है और आतंकवाद के खतरे से निपटने में अमेरिका के साथ मिलकर काम करने की इच्छा रखता है. इसके साथ ही वांग ने कहा कि दोनों पक्षों को एशिया प्रशांत क्षेत्र में सकारात्मक बातचीत और सहयोग करना चाहिये. चीन एशिया प्रशांत क्षेत्र में अमेरिका के परंपरागत प्रभाव और वास्तविक हितों का सम्मान करता है. हालांकि उन्होंने अमेरिका को क्षेत्र में चीन की हैसियत और प्रभाव का सम्मान करना चाहये.
संबंधों को करना होगा मजबूत
वांग ने कहा कि चीन को उम्मीद है कि अमेरिका उचित तरीके से उन मुद्दों को देखेगा जो चीन-अमेरिका के संबंधों की राह का रोड़ा बन रहे हैं. ऐसे मुद्दों में ताइवान को हथियारों की बिक्री और अमेरिका के युद्धपोत और सेना के विमान द्वारा चीन की जासूसी करना शामिल है. चीन के विदेश मंत्री ने दोनों देशों के बीच संबंधों और सैन्य संबंधों को आगे बढ़ाने में हेगल की भूमिका की सराहना की. चीन का कहना है कि वह आतंकवाद के किसी भी रूप का विरोध करता है