चीन ने यूएन से किया आग्रह मसूद अजहर पर ना लगे प्रतिबंध
पठानकोट हमले की मास्टर माइंड है मसूद अजहर मसूद अजहर पठानकोट में हुए आतंकवादी हमले का मास्टरमाइंड है। उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि मसूद अजहर पर प्रतिबंध लगाने पर विचार कर रही संयुक्त राष्ट्र की समिति से चीन ने समयसीमा खत्म होने से ठीक पहले आग्रह किया कि वह अपना आदेश रोक ले। जानकारी के मुताबिक अमेरिका इंग्लैंड और फ्रांस समेत 15 में से 14 देश आतंकी मसूद अजहर पर प्रतिबंध लगाने के पक्षधर थे। चीन ने इस सभी 14 देशों के खिलाफ जाते हुए इस प्रतिबंध को गलत बताया है। ऐसा दूसरी बार हुआ है जब चीन ने मसूद पर लगाने का विरोध किया है। कांग्रेस ने केन्द्र पर साधा निशाना कहा चीन करेगा पाक का समथर्न
इसी बीच कांग्रेस के नेता मनीष तिवारी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर भारत को लगता है कि चीन पाकिस्तान का समर्थन करना बंद कर देगा तो वह खुद को बेवकूफ बना रहा है। ज्ञात हो कि बीते दो जनवरी को पठानकोट एयरबेस पर हमले के बाद भारत ने संयुक्त राष्ट्र को तुरंत कार्रवाई के लिए पत्र लिखा था। इसमें मसूद अजहर का नाम अलकायदा की प्रतिबंध समिति की सूची के तहत लाने की मांग की गई थी। पत्र के साथ इस संगठन के आतंकवादी गतिविधियों में संलिप्त होने और पठानकोट हमले में उसकी भूमिका को ठोस सुबूत भी भेजे गऐ थे। भारत ने संयुक्त राष्ट्र ने किया था प्रतिबंध लगाने का आग्रहभारत ने संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंध समिति से कहा था कि अजहर को सूचीबद्ध नहीं करने से इस आतंकी संगठन और इसके नेता से दक्षिण एशिया के देशों को खतरा बढ़ जाएगा। भारत की ओर से सौंपे गए सुबूतों के तकनीकी पहलुओं पर आतंकरोधी कार्यकारी निदेशलय सीटीईडी ने विचार किया। इसके बाद तकनीकी दल ने इसे अमेरिका ब्रिटेन और फ्रांस के समर्थन से सभी सदस्यों को भेज दिया था। सभी से कहा गया था कि अगर कोई आपत्ति नहीं आई तो समयसीमा खत्म होने के बाद आदेश सुना दिया जाएगा। लेकिन समय सीमा खत्म होने के कुछ घंटे पहले चीन ने आदेश रोकने का आग्रह कर दिया। पाकिस्तान से बाचचीत के बाद चीन ने लगाया अड़गां
सरकारी सूत्रों की माने तो चीन ने ये हरकत पाकिस्तान से सलाह के बाद की है। पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र राष्ट्र की इस समिति का सदस्य नहीं है। संयुक्त राष्ट्र ने 2001 में जैश ए मोहम्मद पर प्रतिबंध लगा दिया था लेकिन मुंबई में आतंकी हमले के बाद भी मसूद अजहर पर प्रतिबंध का भारतीय प्रयास फलीभूत नहीं हो सका। संयुक्त राष्ट्र ने वीटो पावर वाले पांच स्थायी सदस्यों में चीन भी एक है। पाकिस्तान की शह पर उसने तब भी मसूद पर प्रतिबंध लगाने की अनुमति नहीं दी थी।