चीन में हो रही है 'सेक्स क्रांति'?
देश की पहली महिला सेक्सोलॉजिस्ट ली यिनही ने बीबीसी से कहा, "मैंने 1989 के सर्वे में पाया था कि 15।50 फ़ीसदी लोग विवाह से पहले सेक्स संबंध बनाते थे। पर दो साल पहले के सर्वे में मैंने पाया कि ऐसे लोगों की तादाद बढ़कर 71 फ़ीसदी हो गई है।"ली यिनही इसके लिए 'क्रांति' शब्द का इस्तेमाल करती हैं। वे कहती हैं कि 1997 के पहले तक विवाह पूर्व सेक्स संबंध को 'गुंडागर्दी' माना जाता था। इसके लिए क़ानूनी तौर पर सज़ा तक हो सकती थी।इसी तरह पोर्नोग्राफ़ी, वेश्यावृत्ति और 'स्विंगर्स पार्टियां' भी काफ़ी बढ़ी हैं।
ली की किताब 'द सबकल्चर ऑ़फ़ होमोसेक्सुअलिटी' 1998 में छपी। पर यह किताब वे लोग ही ख़रीद सकते थे, जिनके पास उनके नियोक्ता या वरिष्ठ अधिकारी की सिफ़ारिशी चिट्ठी थी।उनकी अगली किताब 'द सबकल्चर ऑफ़ सेडोमेसोचिस्म' तो इससे भी दो क़दम आगे थी।ली ने बीबीसी से कहा, "मुझे किताब की सभी प्रतियां जला देने को कहा गया। पर उस समय तक इसकी 60,000 प्रतियां बिक चुकी थीं। इसलिए किताबें जलाने का नोटिस प्रभावी नहीं हुआ।"
चीन का कोई भी प्रकाशक बाइसेक्सुअलिटी पर उनकी किताब का अनुवाद छापने को तैयार नही हुआ। उन्हें हॉंन्ग कॉंन्ग में प्रकाशक ढूंढना पड़ा।
वे कहती हैं, "बेहतर है कि समलैंगिकता को मंज़ूर कर लिया जाए।"