एलेक्स वेगा अपने तीन बच्चों के जन्म के समय मौजूद थे लेकिन उन्हें इसके बारे में अब बिल्कुल भी याद नहीं है. वह चीज़ें भूल जाते हैं एकाग्रता में दिक्कत आती है और कई बार परेशान हो उठते हैं.


इससे उबरने के लिए वह मनोचिकित्सक के पास जा रहे हैं और दवाएं भी ले रहे हैं.उस घटना को तीन साल से भी ज़्यादा समय हो गया है, जब उन्हें और उनके 32 साथियों को चिली के अटकामा मरुस्थल की सैन होज़े खदान से सुरक्षित बाहर निकाला गया था.इस घटना ने उस समय दुनिया भर का ध्यान खींचा था. लेकिन इसकी त्रासदी आज भी एलेक्स के ज़हन में मौजूद है.उन्होंने बीबीसी को बताया, ''अक्सर मैं यह सोचते हुए जाग जाता हूं कि मैं अंधेरी खदान में हूं. मैं चीखते हुए जागता हूं. इससे परेशान होकर मैंने ख़ुद से कहा, मुझे ही इस समस्या से उबरना होगा. इसलिए मैं अपनी पत्नी के भाई के साथ खदान में एक सप्ताह के लिए गया. अपने डर पर क़ाबू पाने के लिए मैं हर दिन थोड़ा-थोड़ा अंदर गया.''वेगा कहते हैं, ''अब मुझे डरावने सपने काफ़ी कम आते हैं.''
'हम सब ठीक हैं'
33 खनिकों के जिंदा होने के बारे में पता चलने के बाद उन्हें निकालने में सात हफ़्ते लग गए थे.


दुर्घटना के समय कार्लोस बैरिओस 27 साल के थे. वह कहते हैं, ''घटना के दो साल बाद तक मैं ठीक था, मुझे कोई दर्द नहीं था. मैं फ़ुटबॉल खेल रहा था. मेरे पास नौकरी थी और उसके बाद अचानक सब ध्वस्त हो गया.''बैरिओस को बीमारी ने फिर से घेर लिया. वह चिली की सबसे बड़ी तांबे की खदान में काम करने लगे थे. मगर इसके बाद उन्हें एक साल तक 'बीमारी के अवकाश' पर रहना पड़ा और अंततः नौकरी छोड़नी पड़ी.इस खदान के क़रीबी शहर कोपियापो से उन्होंने बीबीसी को बताया, ''मैं मनोचिकित्सक से मिला लेकिन उसने केवल गोलियां दीं. मैं इनका आदी हो गया और मैं अब भी इन्हें ले रहा हूं.''बैरिओस ने बताया, ''मैं एक दुःस्वप्न से गुज़र रहा हूं, वह है अंधरे का भय. मेरी एक बच्ची है लेकिन मैं उसके और अपनी पत्नी के साथ एक ही बिस्तर पर नहीं सो सकता क्योंकि नींद में अचानक चिल्लाने और हाथ पैर पटकने लगता हूं.''इन खनिकों में सबसे उम्रदराज़ 59 साल के ओमर रेगाडास पिछले करीब एक साल से बेरोज़गार हैं, उन्हें कोई स्थायी काम नहीं मिला है.वो कहते हैं, ''दुर्घटना के कारण हमें लोग जानने लगे. मीडिया और सरकार में लोगों के साथ हमारे संबंध हो गए.''

रेगाडास ने बताया, ''खनन कंपनियों को इस बात का डर है कि अगर हम काम करेंगे तो वहां की अनियमितता की शिकायत ऊपर कर देंगे. इसीलिए कंपनियां हमें काम देने से डरने लगी हैं.''कोई मुआवज़ा नहींफिल्म के कुछ दृश्य कोलंबिया की सॉल्ट माइन में शूट किए गए.हालांकि इस पर हॉलीवुड में एक फिल्म भी बन रही है. इसी संबंध में फ़िल्म का दल चिली आएगा.ख़बरों के मुताबिक इसमें एंटोनियो बांडेरास, जूलियट बिनोशे और मार्टिन शीन काम कर रहे हैं.प्रोडक्शन कंपनी ने इन खनिकों को फ़िल्म की कमाई में हिस्सा देने का वादा किया है लेकिन इससे उनकी शांति तो नहीं वापस मिल सकती.इस त्रासदी के तीन साल बाद भी चिली के ये 33 खनिक मशहूर हस्ती या करोड़पति नहीं बने जैसा कि कुछ लोगों को लगता था. अधिकांश मामलों में वे अपने उस सदमे से उबरने के लिए संघर्ष कर रहे हैं.

Posted By: Subhesh Sharma