भारत में 14 नवंबर को देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के जन्‍मदिन को बाल दिवस के तौर पर मनाया जाता है। बाल अधिकारों और बच्‍चों के मनोरंजन तथा बाल विकास के तौर पर दुनिया भर में बाल दिवस मनाया जाता है। हर देश में यह अलग-अलग मौकों पर आयोजित किया जाता है लेकिन सबका उद्देश्‍य बच्‍चों के मनोरंजन अधिकार और बाल विकास ही रहता है। आइए जानते हैं हमारे पड़ोस के देशों में बाल दिवस कैसे मनाया जाता है।


भारत : चाचा नेहरू के जन्मदिन पर भारत में बाल दिवसस्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू बच्चों को बहुत प्रिय थे। बच्चे उन्हें प्यार से चाचा नेहरू कहकर पुकारते थे। वे बच्चों को देश के भविष्य के तौर पर देखते थे। उन्होंने मेघालय के नांगपोह में बच्चों के साथ मिठाई बांटकर अपना जन्मदिन मनाया तभी से 14 नवंबर को बाल दिवस के तौर पर मनाया जाने लगा। औपचारिक तौर पर 1964 में 14 नवंबर को राष्ट्रीय अवकाश घोषित कर बच्चों के लिए देशभर में कार्यक्रम किए जाने लगे। बाद में इस दिन स्कूलों में बच्चे चाचा नेहरू को याद करते हैं। बच्चों के लिए तमाम सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। बाल फिल्मों का प्रसारण भी किया जाता है। देश भर में कोशिश की जाती है बच्चों को खुश रखा जाए और उन्हें मौज-मस्ती का मौका दिया जाए।


चीन : बच्चों को मिलते हैं ढेरों गिफ्ट

हमारे सबसे महत्वपूर्ण पड़ोसी देश चीन में 1 जून को बाल दिवस मनाया जाता है। इस दिन चीन के सभी स्कूलों में पढ़ाई से छुट्टी होती है। बच्चों के लिए सांस्कृतिक आयोजन और विभिन्न मनोरंजन के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। बच्चों को सिनेमा दिखाया जाता है। इस मौके पर बच्चों के घूमने की भी व्यवस्था की जाती है। बच्चों के मौज-मस्ती के लिए विभिन्न कार्यक्रमों का अयोजन होता है। सरकारी कर्मचारियों को आधे दिन की छुट्टी दी जाती है ताकि वे ज्यादा समय अपने बच्चों के साथ गुजार सकें। बच्चों को सरकारी कर्मचारियों की तरफ से उपहार भी दिए जाते हैं।पाकिस्तान : स्कूल में शहीद 150 बच्चों की याद में बाल दिवसहमारे अहम पड़ोसी देश पाकिस्तान में बाल दिवस 16 दिसंबर को मनाया जाता है। यह वही दिन है जब आतंकियों ने पेशावर के आर्मी पब्लिक स्कूल में घुसकर 150 बच्चों की हत्या कर दी थी। उन्हीं शहीद बच्चों की याद में पाकिस्तान बाल दिवस मनाता है। इससे पहले यहां बाल अधिकारों को लेकर 1 जुलाई को बाल दिवस मनाया जाता था। इस दिन पाकिस्तान में बच्चों और उनके माता-पिता के लिए कार्यक्रम रखे जाते हैं। स्कूलों में मेला और अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होता है।

Posted By: Satyendra Kumar Singh