क्रिकेट मैदान पर जब उतरे मुख्य सचिव व यूपी के डीजीपी, 22 साल बाद IAS-11 ने IPS-11 को हराया
- 22 साल बाद आईएएस इलेवन ने आईपीएस इलेवन को हराया- मैदान में उठी बनारस की ठंडाई और भांग मंगाने की पेशकश- चीफ सेक्रेट्री के सामने ठीक से बॉलिंग नहीं कर सके डीजीपीlucknow@inext.co.in
LUCKNOW: करीब 22 साल से आईपीएस से शिकस्त पा रहे आईएएस ने इस बार जीतन के लिए नया दांव खेला था। इसका खुफिया जानकारी का खुलासा खुद सूबे के वरिष्ठ आईएएस अफसरों ने राजधानी के अटल बिहारी वाजपेई इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में खेले गये आईएएस और आईपीएस इलेवन के क्रिकेट मैच के दौरान कर दिया। दरअसल बार-बार हार से परेशान आईएएस ने इंवेस्टर्स समिट के दौरान ही आईपीएस को हराने का एमओयू कर लिया था। इतना ही नहीं, मुख्य सचिव और डीजीपी के बीच एक एग्रीमेंट भी हुआ था जिसमें आईपीएस के जानबूझकर मैच हारने पर ओपी सिंह को आजीवन डीजीपी बने रहने की बात कही गयी थी। नतीजतन आईपीएस ने मैच में घुटने टेक दिए और आईएएस इलेवन ने बड़े अंतर से जीत हासिल कर ली।दोस्ताना माहौल में खूब लगे ठहाके
ऊपर लिखी लाइनें पढ़कर आपको आश्चर्यचकित होने की जरूरत नहीं है और ना ही आईएएस और आईपीएस इलेवन का मैच पहले से फिक्स था। दरअसल यह लाइनें उस कमेंट्री का हिस्सा है जो मैच के दौरान खिलाडिय़ों के साथ दर्शकों को भी हंसते रहने के लिए बोली जा रही थी। इसमें खुद मुख्य सचिव अनूप चंद्र पांडेय, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एसपी गोयल, डीजीपी ओपी सिंह और अपने शानदार कमेंट्री से खुशनुमा माहौल बनाने वाले पूर्व आईपीएस डीके शर्मा शामिल थे। मैच में प्रमुख सचिव औद्योगिक विकास आरके सिंह ने यह ऐलान भी कर डाला कि सूबे में 65 हजार करोड़ का नया निवेश भी आ चुका है। वहीं कैच छोडऩे पर आईएएस अफसरों ने अपने साथी नवनीत सहगल को भी नहीं बख्शा तो आईपीएस इलेवन के कप्तान डीजीपी ने मैच के दौरान यह भी कह डाला कि दोनों ही टीमें एकदम बेकार लीडरशिप में काम कर रही है। उल्लेखनीय है कि आईएएस इलेवन के कप्तान खुद मुख्य सचिव थे।
मैच के दौरान एक वक्त ऐसा भी आया जब कमेंट्री कर रहे अफसरों ने बनारस की भांग और ठंडाई मंगाने की पेशकश कर दी। तभी दूसरे अफसर ने माइक लेकर तपाक से कहा कि अगली बार इसका इंतजाम भी हो जाएगा हालांकि देर रात हुई वीडियो कांफ्रेंसिंग में किस तरह खेलना है, इसके बारे में बताया गया था। मैच में यह प्रस्ताव भी आया कि अगली बार एक-एक महिला खिलाड़ी भी टीम में शामिल हो। इस पर एक महिला आईएएस ने कहा कि अगर मेरिट पर सेलेक्शन होगा तो शायद पुरुष खिलाडिय़ों को टीम में मौका ही न मिले। मुख्य सचिव के सामने डीजीपी बेबसमैच की दोनों पालियों में अलग से एक-एक ओवर मुख्य सचिव और डीजीपी के नाम रहा। आईएएस इलेवन द्वारा बैैटिंग करने के बाद डीजीपी को बॉलिंग करने का मौका दिया गया जबकि क्रीज पर बैट लिए मुख्य सचिव खड़े थे। मुख्य सचिव के सामने डीजीपी बॉलिंग नहीं कर सके। उनकी कोई गेंद ठीक से उन तक पहुंच भी नहीं पाई। वही जब आईपीएस इलेवन ने अपनी बैटिंग कर ली तो मुख्य सचिव ने डीजीपी को खेलने का मौका दिया और अपनी तीसरी गेंद में ही उनका क्लीन बोल्ड कर दिया।मैं तो चकाचौंध हो गयाप्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एसपी गोयल द्वारा बाकी अफसरों की पत्नियों का मैदान में स्वागत करने और अपनी पत्नी के आने पर कोई प्रतिक्रिया न देने को लेकर सवाल उठा तो वे बोले कि मैं तो अपनी पत्नी को देखकर चकाचौंध हो गया था। इस पर पूर्व आईएएस अनीस अहमद अंसारी ने चुटकी लेते हुए कहा कि आप अपनी पत्नी से जल्दी-जल्दी मिला कीजिए।
सर्विस वीक के तहत आईएएस और आईपीएस इलेवन के बीच हुए क्रिकेट मैच में आईएएस ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का निर्णय लिया और बीस ओवर में तीन विकेट के नुकसान पर 160 रन बनाए। इसके जवाब में बैटिंग करने उतरी आईपीएस इलेवन की टीम आईएएस की धारदार बॉलिंग और शानदार फील्डिंग के आगे टिक नहीं पाई और 18 ओवर में सौ रन पर ही सिमट गयी। आईएएस इलेवन के गौरांग राठी को 69 रन बनाने और दो विकेट लेने पर मैन ऑफ दि मैच चुना गया। दीपक मीणा ने सबसे ज्यादा तीन आईपीएस का विकेट लिया। वहीं आईपीएस इलेवन में संजीव त्यागी ने सर्वाधिक 21 रन बनाए।
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