कुछ एेसा है यूपी में योगी राज, 15 महीने में 2000 मुठभेड़ आैर 59 हुए ढेर
i special* सपा राज में सबसे ज्यादा हुई पुलिसकर्मियों की हत्या* बसपा सरकार में सौ दिन में ताबड़तोड़ हुए थे एनकाउंटर* योगी सरकार आने के बाद पुलिस बदमाशों के लिए काल बदमाशों मे भी खौफ पसराlucknow@inext.co.in
LUCKNOW: पूर्ववर्ती सपा सरकार में चार साल के भीतर पुलिसकर्मियों पर 1044 बार हमला हुआ था। नतीजतन एएसपी से लेकर कई सिपाही बदमाशों की गोलियों का शिकार बने थे। यह सिलसिला बदस्तूर जारी रहा और जवाहरबाग कांड ने पुलिस महकमे को यह सोचने पर मजबूर कर दिया कि आखिर इससे किस तरह निपटा जाए। सूबे में योगी सरकार बनने के बाद शुरूहुआ एनकाउंटर का सिलसिला शायद इसका ही नतीजा है। ताबड़तोड़ एनकाउंटर को लेकर भले ही तमाम संगठन पुलिस पर सवाल उठा रहे हो पर हकीकत यह है कि एनकाउंटर के साथ पुलिस ने बदमाशों पर और भी कई तरीकों से गाज गिराई है। इससे न केवल फोर्स का मनोबल बढ़ा है बल्कि बदमाशों मे भी खौफ पसरा है। हालांकि इस कवायद के दौरान कुछ निर्दोषों को भी अपनी जान से हाथ धोना पड़ गया।गैंगस्टर और रासुका की कार्रवाई
दरअसल यूपी पुलिस केवल एनकाउंटर ही नहीं, रासुका और गैंगस्टर लगाकर भी अपराधियों की कमर तोड़ रही है। आपको जानकर ताज्जुब होगा कि पुलिस ने पहली बार बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए 194 बदमाशों की 177 करोड़ की संपत्तियों को जब्त किया है। वहीं 211 अपराधियों पर रासुका की कार्रवाई की गयी है और 2253 के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट लगाया गया है। यह आंकड़ा महज 15 महीनों का है और इतने बड़े पैमाने पर पुलिस ने पिछले 15 सालों के दौरान बदमाशों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की है। इसका असर भी देखने को मिल रहा है और प्रदेश में हत्या, लूट, डकैती जैसे जघन्य अपराधों में कमी दर्ज की जाने लगी है। ध्यान रहे कि इससे पहले केवल बसपा सरकार में छह महीने के भीतर ताबड़तोड़ एनकाउंटर कर बदमाशों की कमर तोड़ी गयी थी। वहीं सपा सरकार में इसका सिलसिला कम हो गया था।23 मामलों में फाइनल रिपोर्ट लगाईएनकाउंटर में ढेर किए गये 59 बदमाशों के मामले में मजिस्ट्रेट द्वारा जांच के बाद 23 मामलों में कोर्ट में फाइनल रिपोर्ट लगाई जा चुकी है। इनमें से 16 अदालत ने स्वीकार कर ली हैं जबकि सात लंबित हैं। इसी तरह 58 में 35 मामलों की जांच अभी जारी है। 25 मामलों की मजिस्ट्रेटी जांच पूरी हो चुकी है जबकि 33 में रिपोर्ट आनी बाकी है। योगी सरकार में मुठभेड़ के आंकड़े
2000 से ज्यादा बार पुलिस की बदमाशों से हुई मुठभेड़* 59 अपराधी पुलिस एनकाउंटर में ढेर, 534 हुए घायल* 04 पुलिसकर्मी हुए शहीद, 390 पुलिसकर्मी हुए घायल* 07 हजार अपराधियों को पुलिस ने किया गिरफ्तार* 2700 ईनामी अपराधियों को किया गया गिरफ्तार* 211 अपराधियों के खिलाफ रासुका के तहत कार्रवाई* 2253 अपराधियों पर लगाया गया गैंगस्टर एक्ट* 194 अपराधियों की 177 करोड़ की संपत्तियां हुई जब्तपिछली सरकारों के आंकड़े1044 बार हुआ सपा सरकार में पुलिसकर्मियों पर हमले* 527 बार हुए बसपा सरकार में पुलिसकर्मियों पर हमले* 20 पुलिसकर्मी बने सपा सरकार में बदमाशों का निशाना* 527 पुलिसकर्मी सपा सरकार में हुई मुठभेड़ों में हुए घायलसपा सरकार में पुलिसकर्मियों पर हमले2012-13 में 202 2013-14 में 264 2014-15 में 300 2015-16 में 278 सपा सरकार में शहीद पुलिसकर्मी
इंस्पेक्टर गोविंद सिंह (मऊ), डिप्टी एसपी जिया उल हक (प्रतापगढ़), डिप्टी एसपी एनआईए तंजील अहमद (बिजनौर), इंस्पेक्टर आरपी द्विवेदी (इलाहाबाद), आरक्षी दिनेश प्रताप व गिर्राज किशोर (फिरोजाबाद), आरक्षी सुभाष चन्द्र (बागपत), इंस्पेक्टर नीरज वालिया (हरदोई), इंस्पेक्टर राजकुमार सिंह (फर्रुखाबाद), आरक्षी सतीश यादव (फिरोजाबाद), डिप्टी जेलर अनिल त्यागी (बनारस), एसआई मनोज मिश्रा (बरेली), इंस्पेक्टर अनिल कुमार (प्रतापगढ़), होमगार्ड महादेव प्रसाद मिश्र (प्रतापगढ़)।
दरअसल ये एनकाउंटर नहीं, पुलिस का बदमाशों के खिलाफ ऑपरेशन है। इसमें हमारे पुलिसकर्मी भी शहीद और घायल हुए हैं। हमने 15 महीने के भीतर बदमाशों की 177 करोड़ की संपत्तियों को कुर्क किया है, जो एक रिकॉर्ड है। साथ ही रासुका और गैंगस्टर लगाकर उनकी कमर तोड़ी है।- आनंद कुमारएडीजी, कानून-व्यवस्थासंगीन अपराधों में कमी तो दहेज मामलों में मौत का बढ़ा ग्राफ, यहां देखें यूपी का रिपोर्ट कार्ड
यूपी में जल्द होगा प्रशासनिक फेरबदल, अफसरों की नजर एपीसी-आईडीसी की कुर्सी पर