CM केजरीवाल को न मिलती जमानत, अगर वकील अभिषेक मनु सिंघवी सुप्रीम कोर्ट में न देते ये दमदार दलीलें
कानपुर (इंटरनेट डेस्क)। CM Arvind Kejriwal Bail: दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल के लिए शुक्रवार दिन बेहद खास रहा। सीएम केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कथित आबकारी नीति घोटाले में सीबीआई द्वारा दर्ज भ्रष्टाचार के मामले में जमानत दे दी। जस्टिस सूर्यकांत और उज्जल भुइयां की बेंच में जमानत का फैसला सुनाया है। दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद सीएम केजरीवाल को जमानत मिलने के बाद से उनके अभिषेक मनु सिंघवी की खूब तारीफ हो रही है। कहा जा है कि सुप्रीम कोर्ट में सीएम केजरीवाल की जमानत के खिलाफ सीबीआई ने अपना मजबूत पक्ष रखा है। हालांकि इस दौरान सीएम के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने भी कोर्ट के सामने एक से बढ़कर एक महत्वपूर्ण दलीलें पेश की हैं। इसके बाद ही सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को जमानत दी है।
अभिषेक मनु सिंघवी की दलीलों पर एक नजर
अभिषेक मनु सिंघवी ने सीबीआई द्वारा सीएम केजरीवाल की गिरफ्तारी को गैरकानूनी बताया और उन्हें जमानत देने की मांग की। उन्होंने कहा कि सीबीआई ने 25 जून को सीएम केजरीवाल को जिन आधारों पर अरेस्ट किया वो जनवरी के थे। यह भी दलील दी कि सीआरपीसी की धारा 41 ए में पूछताछ का नोटिस भेजे बिना डायरेक्ट अरेस्ट करना गैरकानूनी है। अभिषेक मनु सिंघवी ने कोर्ट में कहा कि केजरीवाल को सिर्फ जांच में सहयोग नहीं करने के आधार पर अरेस्ट किया गया, जो सही नही है। इतना ही नहीं एफआईआर के 8 महीने बाद सीएम केजरीवाल को पूछताछ के लिए बुलाया गया। अभिषेक मनु सिंघवी ने पुराने फैसलों का हवाला देते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट अपने कई फैसलों में कह चुका है कि जमानत नियम और जेल अपवाद है। इसके साथ ही यह भी कहा कि सीएम केजरीवाल एक संवैधानिक पद पर हैं जमानत मिलने के बाद उनके भागने की संभावना नहीं है।