ट्वीट की बौछार के साथ चिदंबरम ने इशरत जहां मामले पर खुल कर दिए जवाब
चिदंबर की चुप्पी ट्वीटर पर टूटी
यूपीए सरकार में पूर्व गृह मंत्री पी चिदंबरम ने आखिरकार इशरत जहां फेक एंकांउटर केस में अपनी खामोशी तोड़ दी है और सोशल नेटवर्किंग साइट ट्वीटर पर कई ट्वीट करके लगभग हर सवाल का जवाब दिया। साथ ही आरबीआई के गवर्नर रघुराम राजन की आलोचना के मामजले पर भी केंद्र सरकार को आड़े हाथों लिया है। पर हमला किया है। चिदंबरम ने कहा कि ऐफिडेविट विवाद सिर्फ इसलिए पैदा किया गया है ताकि मुख्य मुद्दे से ध्यान भटकाया जा सके। उन्होंने पूछा कि असली मुद्दा ये है कि क्या वहां फर्जी मुठभेड़ हुई थी और क्या कस्टडी में रखे गए 4 लोगों की फर्जी एनकाउंटर में हत्या की गई थी?’
हस्ताक्षर का भ्रम फैलाया गया
एक के बाद एक किए गए कई ट्वीट्स में चिदंबरम ने ये लिख कर कि ऐफिडेविट पर आते हैं बताया कि हलफनामों पर गृह मंत्री हस्ताक्षर नहीं करता है। इन पर अंडर सेक्रेटरी हस्ताक्षर करता है। उन्होंने कहा कि वैसे उन्हें ध्यान नहीं है कि उन्होंने पहले एफिडेविट को देखा या नहीं पर फिर भी वे मान लेते हैं कि ऐसा हुआ होगा लेकिन इसके पीछे बात इतनी थी कि उन्होंने नियमों के हवाले से एक शॉर्ट एफिडेविट फाइल करने का काम किया था।
6. The affidavit controversy is only to divert attention from the real issue in the Ishrat Jahan case.
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN)
क्या था मामला
असल में मैजिस्ट्रेट एसपी तमांग की रिपोर्ट पर गुजरात की सरकार ने भारत सरकार से स्पष्टीकरण की मांग की थी। गुजरात सरकार ने कहा था कि या तो स्पष्टीकरण दिया जाए या पहले एफिडेविट में की गई गलत व्याख्या को हटाया जाए। यही वजह थी जो एक शॉर्ट एफिडेविट फाइल किया गया।’ गृह मंत्रालय के अधिकारी ने कहा कि इस केस में पहला एफिडेविट इंटेलिजेंस ब्यूरो के अलावा महाराष्ट्र और गुजरात पुलिस से मिले इनपुट के आधार पर फाइल किया गया था, जिसमें कहा गया था कि 19 साल की इशरत लश्कर की ऐक्टिविस्ट थी लेकिन दूसरे एफिडेविट में इसे हटा दिया गया। अब दूसरे एफिडेविट के बारे में कहा जा रहा है कि इसे चिदंबरम ने खुद ड्राफ्ट किया। अधिकारी ने कहा, ‘इस एफिडेविट में कहा गया कि ऐसा कोई सबूत नहीं है जिससे साबित हो सके कि इशरत आतंकी थी।’
हाल ही में फिर घेरा गया था चिदंबरम को
हाल ही में इशरत जहां के मामले में भाजपा ने पी. चिदंबरम पर हमला तेज कर दिया था। भाजपा ने कहा कि देश की सुरक्षा को दांव पर लगाकर चिदंबरम खुद ही बड़े चक्रव्यूह में फंस चुके हैं और उन्हें बताना होगा कि किसके इशारे पर उन्होंने इशरत जहां के आतंकी होने की सच्चाई को छुपाने की साजिश की थी। इसके लिए खुफिया ब्यूरो से लेकर एनआइए और एफबीआइ से मिले तथ्यों को दबा दिया गया। भाजपा ने चिदंबरम पर गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह को फंसाने के लिए आतंकियों का साथ देने का आरोप लगाया। इसके बाद ही चिदंबरम का ये जवाब सामने आया है।